महाकाल मंदिर में किसी कर्मचारी का नाम डेल्टा तो किसी का बीटा

उज्जैन:महाकाल मंदिर में तैनात कर्मचारी, अधिकारी और यहां तक कि सुरक्षकर्मी भी एक-दूसरे का नाम लेने से गुरेज करने लगे है। नाम की जगह किसी को डेल्टा तो किसी को बीटा तो किसी को मेजर या कर्नल कहकर पुकारे जाने की आवाज मंदिर में सुनाई दे रही है। दरअसल महाकाल मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को और मतबूत करने के लिए कोडिंग व्यवस्था लागू की है। इसके चलते ही तैनात कर्मचारी, अधिकारी आदि वायरलेस सेट पर कोडवर्ड का उपयोग कर रहे है।
बताया गया है कि कोडिंग व्यवस्था लागू होने के बाद कई कर्मचारियों को परेशानी भी आ रही है, क्योंकि अभी तक आदत नाम से ही पुकारकर सेट पर संवाद करने की थी। मंदिर से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि हम सभी को धीरे-धीरे आदत हो जाएगी। मामला सुरक्षा व गोपनीयता से जुड़ा हुआ है, इसलिए इस व्यवस्था को ओर अधिक मजबूत बनाया जाएगा।

 

विरोध भी आ रहा सामने
सूत्रों के अनुसार कोडिंग व्यवस्था से सुरक्षाकर्मियों को तो परेशानी नहीं है, लेकिन मंदिर की विभिन्न शाखाओं में पदस्थ प्रभारियों व कर्मचारियों द्वारा दबी जुबान से विरोध भी किया जा रहा है। ऐसे कर्मचारियों की यदि माने तो उन्हें अपने नाम से पुकारे जाने व आदेश सुनने की आदत है। नई व्यवस्था से परेशानी हो रही है, क्योंकि कुछ देर तक तो समझ में ही नहीं आता है कि उन्हें किस कोडवर्ड से पुकारा जा रहा है।

 

सेट पर संवाद करते समय इसका उपयोग
गौरतलब है कि मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पुलिस, होमगार्ड के साथ ही निजी सुरक्षा एजेंसी के हाथों में है। जिस कोडिंग व्यवस्था की बात यहां हो रही है उसका उपयोग अधिकारियों द्वारा सेट पर बातचीत करते समय किया जा रहा है। बताया जाता है अब मंदिर कार्यालय में भी सुरक्षा व्यवस्था प्रभारी अधिकारी के लिए एक कक्ष बनाया गया है। ऐसे में मंदिर के मुख्य द्वार से कार्यालय तक चाकचौबंद सुरक्षा व्यवस्था रहेगी।

 

आदत हो जाएगी, परेशानी नहीं होगी
मंदिर की सुरक्षा व गोपनीयता को लेकर कोडिंग व्यवस्था लागू की गई है। वायरलेस सेट तो पहले से ही कर्मचारियों व अधिकारियों के पास है, बस अब उन्हें नाम की जगह कोड वर्ड से पुकारा जाकर संवाद किया जा रहा है। धीरे-धीरे आदत हो जाएगी, परेशानी नहीं होगी।
चंद्रशेखर जोशी, सहायक प्रशासक

 

इधर व्यापारियों की पीड़ा
महाकाल मंदिर परिक्षेत्र से बार-बार हटाए जाने वाले छोटे व ठेला व्यापारियों ने कलेक्टर के सामने अपनी पीड़ा बयां की है। व्यापारियों ने कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि उन्हें नगर निगम उन्हें चाहे जब हटा देता है। इससे उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जाता है। मांग की गई है कि उन्हें स्थाई रूप से रोजगार प्रदान करने के लिए रुद्रसागर बाउंड्रीवाल में दुकानें निकाली जाकर आवंटित करने के आदेश प्रदान किए जाएं।

Leave a Comment