महाकाल मंदिर में 10 साल बाद आज से भक्त चढ़ा सकेंगे नारियल

उज्जैन | ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में 10 साल के लंबे अंतराल बाद नारियल चढ़ाने की परंपरा वापस शुरू होने जा रही है। सुरक्षा कारणों से पुलिस प्रशासन ने इस पर रोक लगा दी थी। बुधवार को साधु-संतों के नेतृत्व में विश्व हिंदू परिषद इस परंपरा को दोबारा आरंभ करने जा रही है। इधर, पुलिस ने कहा कि जांच के बाद ही नारियल भीतर ले जाने दिया जाएगा।

मंदिर में सुबह करीब 10.30 बजे साधु-संत और विहिप के पदाधिकारी नारियल चढ़ाने की शुरुआत करेंगे। इस अवसर पर चारधाम मंदिर के प्रमुख संत शांतिस्वरूपानंदजी, अवधेशपुरीजी महाराज, बालयोगी उमेशनाथजी महाराज सहित अन्य साधु-संत भी उपस्थित रहेंगे। 2007-08 से मंदिर में नारियल चढ़ाने पर रोक लगी हुई है। विहिप के प्रांत कार्यवाह अनिल कासलीवाल ने बताया कि प्रशासन से इस विषय में काफी समय से चर्चा चल रही थी।

आतंकी हमले की थी आशंका

आतंकवादी हमले की आशंका के मद्देनजर यह कदम उठाया गया था। सूत्रों के मुताबिक विहिप ने अत्यंत गोपनीय बैठक में प्रशासन व पुलिस अधिकारियों से चर्चा कर वापस नारियल चढ़ाने की शुरुआत करने का फैसला लिया है।

तीन माह से मंथन, अब फैसला

मंदिर में नारियल चढ़ाने की परंपरा को लेकर तीन माह से विहिप, साधु-संतों और मंदिर प्रशासन के बीच मंथन हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक 10 जनवरी से ही यह परंपरा वापस शुरू करने की तैयारी थी, लेकिन किसी कारण से शुरुआत नहीं हो सकी।

संतों ने किया समर्थन

बालयोगी उमेशनाथजी महाराज ने कहा- महाकाल मंदिर में नारियल चढ़ाने की परंपरा आरंभ होने जा रही है। उन्होंने इसमें शामिल होने की स्वीकृति भी दे दी है। ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला ने बताया शिव पूजा में नारियल का विशेष महत्व है। श्रीफल श्री अर्थात धन की प्राप्ति कराने वाला माना गया है। त्रिदेवों को श्रीफल अर्पित करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।

जांच करेंगे

सुरक्षा कारणों से महाकाल मंदिर में नारियल चढ़ाने पर प्रतिबंध था। मंदिर समिति ने निर्णय लिया है तो सुरक्षा व्यवस्था भी तय करेंगे। मंदिर में ले जाए जा रहे नारियल की जांच भी करवाएंगे।

-सचिन अतुलकर, एसपी, उज्जैन

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