- फिल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी पति राज कुंद्रा के साथ श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची, शिव जाप कर करीब आधे घंटे तक भगवान महाकाल की आराधना की।
- 66वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह का समापन आज: एक सांस्कृतिक गौरव; उच्च शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार और मंत्री चैतन्य काश्यप होंगे शामिल, 10 कलाकारों को किया जाएगा सम्मानित
- भस्म आरती: चंद्र के साथ त्रिशूल त्रिपुण्ड से राजा स्वरूप में सजे बाबा महाकाल, चारों ओर गूंजे जय श्री महाकाल के जयकारे
- भस्म आरती: राजा स्वरूप में सजे बाबा महाकाल, धारण की शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला
- भगवान महाकाल को दान में आई अनोखी भेंट! भक्त ने गुप्त दान में चढ़ाई अमेरिकी डॉलर की माला, तीन फीट लंबी माला में है 200 से अधिक अमेरिकन डॉलर के नोट
महाकाल मंदिर लड्डू प्रसाद: तीन साल बाद समिति ने बढ़ाए भाव
एक-दो दिन में लागू होगी नई दरें
प्रतिदिन हो रहा था 1.27 लाख का नुकसान, अब 40 रु. किलो बढ़े दाम फिर भी बाजार से 120 रु. कम
उज्जैन।भगवान महाकाल के लड्डू प्रसाद के विक्रय से होने वाले रोज के नुकसान से बचने के लिए महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को आखिरकार लड्डू प्रसाद की कीमत में 40 रुपए प्रतिकिलो की वृद्धि करना पड़ी है। इसके बाद का विक्रय लड्डू 300 रुपए किलो किया जाएगा। हालांकि यह भाव बाजार भाव से 120 रुपए किलो कम है।
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति भक्तों को प्रसाद स्वरूप विक्रय किए जाने वाले लड्डू प्रसाद के भाव बढ़ाने पर करीब दो माह से विचार कर रही थी। लंबे विचार और अन्य प्रभाव को ध्यान में रखकर प्रसाद की कीमत बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। अब भगवान महाकाल के भक्तों को लड्डू प्रसाद 300 रुपए किलो के हिसाब से विक्रय किया जाएगा। बाजार के अन्य मिष्ठान प्रतिष्ठानों में बेसन के लड्डू की कीमत 380 रुपए से लेकर 420 रुपए प्रतिकिलो है। इस मान से महाकाल लड्डू प्रसाद के भाव बाजार की तुलना में 80 रुपए से लेकर 120 रुपए तक कम है। बताया जा रहा है कि महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने लड्डू प्रसाद की कीमतें बढ़ाने के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है।
260 रुपए किलो था अब 300 रु. होगा
दो माह पहले महाकाल मंदिर प्रबंध समिति द्वारा मंदिर का 110 दिन का आय-व्यय का संक्षिप्त ब्यौरा सार्वजनिक किया था। उसके अनुसार मंदिर समिति को लड्डू प्रसाद से हर दिन 1.15 लाख रुपए का नुकसान हो रहा था। इसकी वजह शुद्ध देसी घी, बेसन, रवा और ड्रायफ्रूट के दामों में वृद्धि है। मंदिर समिति को एक किलोग्राम लड्डू तैयार करने में 305 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं, जबकि उसे भक्तों को 260 रुपए में दिया जा रहा था। कोरोना संक्रमण का प्रभाव कम हो जाने के बाद मंदिर खुलने पर 28 जून से 15 अक्टूबर तक 110 दिन में समिति को 23 करोड़ रुपए से अधिक की आय हुई थी। इस दौरान समिति को सबसे ज्यादा नुकसान लड्डू प्रसादी वितरण से हुआ है। 110 दिनों में श्रद्धालुओं ने 8 करोड़ 25 लाख रुपए के लड्डू खरीदे थे। इन्हें तैयार करने में मंदिर समिति का 9.47 करोड़ रुपए खर्च हुआ है। यानी सीधे तौर पर 1.27 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। यह राशि 490 क्विंटल लड्डू खरीदी के बराबर है।
फाइव स्टार हाइजिन रेटिंग कच्ची सामग्री के महंगे होने का असर
समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि मंदिर समिति को प्रति किग्रा लड्डू की लागत 305 रुपए आती है। महाकाल मंदिर की ओर से उपलब्ध कराई जा रहे लड्डू प्रसादी 260 रुपए प्रति किग्रा की दर से श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराई जा रही है। कच्ची सामग्री के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। एक किलो लड्डू की लागत करीब 305 रुपए आ रही हैं। ऐसे में समिति को सीधे तौर पर प्रति किग्रा 45 रुपए का नुकसान हो रहा था।
फाइव स्टार हाइजिन रेटिंग मिली है लड्डू प्रसाद यूनिट को
उज्जैन में महाकाल के लड्डू प्रसादी यूनिट को हाइजिन रेटिंग में फाइव स्टार रेटिंग मिली हुई है। एफएसएसएआई की ओर से देश के चुनिंदा मंदिरों में बनने वाली प्रसाद यूनिट को ही यह रेटिंग मिली है। लड्डू प्रसाद तैयार करने के दौरान परिसर में हाइजिन, कर्मचारियों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, घी, बेसन, रवा व ड्रायफ्रूट को पूरी तरह से आदर्श स्थिति में खरीदा जाता है। इसके लिए टेंडर जारी किए जाते हैं। टेंडर के अनुरूप सामग्री नहीं भेजने वाले व्यापारी को ब्लैकलिस्ट भी किया जाता है।