रोज 100 बसें और 50 मैजिक टर्न लेती हैं तपोभूमि चौराहे से

उज्जैन:गुरुवार दोपहर में तपोभूमि चौराहे पर पटवारी की विभागीय परीक्षा देने के बाद बाइक में पेट्रोल भरवाकर उज्जैन आने के लिये मैन रोड पर पहुंचे ऋतुसिंह पिता मनोहरसिंह निवासी जहांगीरपुर इंगोरिया और अनिल मिश्रा निवासी सेफ्रान कॉलोनी खाचरौद को इंदौर से आ रही बस एमपी 13 पी 9155 के चालक ने चपेट में ले लिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी।

नानाखेड़ा पुलिस ने पीएम कराने के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया लेकिन दो लोगों की मौत के बाद चौराहे की वास्तविक स्थिति देखने पुलिस, प्रशासन या परिवहन विभाग का एक भी अधिकारी नहीं पहुंचा। लोगों का कहना है कि इस चौराहे पर प्रतिदिन दुर्घटनाएं होती हैं, सही स्थान पर स्पीड ब्रेकर बने तो एक्सीडेंट रूक सकते हैं।

तपोभूमि चौराहे के रहवासियों ने बताया कि इस चौराहे पर तीन स्कूल, दो कॉलेजों की 100 बसें प्रतिदिन टर्न लेती हैं। इसके अलावा आसपास के गांवों के बीच चलने वाले 50 से अधिक मैजिक वाहन भी इसी चौराहे पर पहुंचते हैं। इंदौर रोड का यह सबसे व्यस्ततम चौराहा है। सिंहस्थ के समय पुलिस द्वारा चौराहे के दो तरफ झिकझेक आकार में बेरिकेड्स लगाये गये थे।

लेकिन देर रात उज्जैन-इंदौर के बीच चलने वाले ट्रक व अन्य बड़े वाहनों द्वारा बेरिकेड्स तोड़ दिये गये। चौराहे के दोनों ओर वाहनों की स्पीड कंट्रोल के लिये गतिरोधक नहीं है। इंदौर और उज्जैन तरफ से आने वाले चौपहिया वाहन 80 से 100 की स्पीड में गुजरते हैं। ऐसे में छोटे वाहन चालकों की जान पर खतरा मंडराता रहता है। गुरुवार को भी बाइक सवार ऋतुसिंह और अनिल मिश्रा के साथ यही हुआ। वह बाइक में

 

पेट्रोल भरवाकर मैन रोड
की तरफ आये और इंदौर तरफ से आ रही तेज रफ्तार बस ने उन्हें टक्कर मार दी। खास बात यह कि दो लोगों की मृत्यु के बाद भी पुलिस, प्रशासन या परिवहन विभाग का एक भी अधिकारी चौराहे की सुध लेने नहीं आया।

 

आवेदन दिया, सुनवाई नहीं
तपोभूमि चौराहे पर होने वाली दुर्घटनाओं के बाद नगर निगम, पंचायत सभी दूर आवेदन देकर यहां स्पीड ब्रेकर बनवाने की मांग की, लेकिन अधिकारी कहते हैं कि हाईवे पर स्पीड ब्रेकर नहीं बनते। ऐसे में दुर्घटनाओं को रोकने का कोई उपाय भी नहीं बताता। दो पहिया वाहन चालकों की जान को हमेशा खतरा बना रहता है।
मुन्नालाल, होटल संचालक

 

कुछ तो हल होगा
दुर्घटनाएं रोकने के लिये पुलिस या प्रशासन को कुछ हल निकालना होगा नहीं तो प्रतिदिन लोगों की जानें जाती रहेंगी। स्पीड ब्रेकर या झिकझक बेरिकेड्स लगाये जा सकते हैं। यहां यातायात संकेतक भी नहीं हैं। हाईवे पर बड़े वाहनों की गति 80 से 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की होती है जिनसे दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है।

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