शिप्रा में डूबने से बचाने के लिए सिर्फ कागजी योजनाएं:मंत्री तुलसी सिलावट ने जताई चिंता; बोले-स्मार्ट सिटी से बात करूंगा दिक्कत क्या है?

शिप्रा नदी में डूबने से लोगों को बचाने के लिए बन रही योजनाएं कागजों से बाहर नहीं निकल पा रही है। इसे लेकर सोमवार को उज्जैन आए जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने चिंता जताई। भास्कर से बातचीत में मंत्री सिलावट ने कहा कि कान्ह डायवर्सन की दिशा में जल्द ही ठोस स्थायी काम होगा। इसकी कोर्ट में 13 सिंतबर की तारीख लगी है।

शिप्रा के रामघाट व उससे लगे घाटों पर सुरक्षा संबंधी रेलिंग व अन्य कार्य क्यों नहीं हो रहे है, इसे लेकर स्मार्ट सिटी के अधिकारियों से बात करूंगा। मंत्री सिलावट ने कहा कि शिप्रा के घाटों पर सुरक्षा संबंधी कार्य को मूर्तरूप देना स्थानीय प्रशासन का काम है और उसे इसे हर हाल में करना ​भी चाहिए। पहले भी ये मुद्दा सामने आया तो संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए थे। वे घाटों पर सुरक्षा संबंधी कार्य क्यों नहीं कर पा रहा है व क्या दिक्कत है, इस पर स्मार्ट सिटी के अधिकारियों से बात करूंगा।

बता दें कि 17 महीने पहले 13.30 करोड़ की योजना बनी थी जिस पर लगातार मौतों के बाद भी कोई काम नहीं हुआ। इसके बाद जून माह में ही छह मौतों के बाद कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम खुद रामघाट का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरान अधिकारियों से कहा था कि 13.30 करोड़ का ठेका निरस्त करते हुए ठेकेदार को तत्काल ब्लैक लिस्टेड करें व नई योजना बनाएं। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने दोबारा 56 लाख सिर्फ शिप्रा के घाटों पर रेलिंग लगाने की योजना बनाई लेकिन सितंबर माह शुरू होने के बाद भी उक्त योजना भी मूर्तरूप नहीं ले पाई है।

13.30 करोड़ की योजना की ये स्थिति, 17 महीने बाद भी कागजों में ही काम हो रहा

13.30 करोड़ की राशि से शिप्रा नदी के रामघाट, सिद्ध आश्रम, दत्तअखाड़ा समेत इससे लगे प्रमुख घाटों पर एक जैसे प्लेटफार्म, रेलिंग का काम होना था। इसके लिए उक्त योजना तो बनी पर 17 महीने बीतने के बाद भी मूर्तरूप नहीं ले पाई। बताया जा रहा है कि स्मार्ट सिटी के अफसर अब उक्त योजना को लेकर स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर से इस पर रायशुमारी कर रहे। इनके प्रोफेसरों को शिप्रा नदी के घाटों का जायजा लेने के लिए बुलवा रहे है ताकि स्थायी काम कैसे हो इस पर प्लानिंग हो सके लेकिन ये कब तक हो पाएगी ये तय नहीं है।

रेलिंग के लिए तीसरा टैंडर जारी किया

56 लाख रुपए की लागत से शिप्रा नदी के रामघाट व उससे लगे घाटों पर रेलिंग पर लगना है। इसके लिए पूर्व में टेंडर जारी किए थे व अब नया तीसरा टैंडर हाल ही में जारी किया है।

– नीरज पांडे, एसई स्मार्ट सिटी

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