12 लाख दीपक और 14 हजार लीटर तेल खरीदी की आवश्यकता क्यों…?

ब्राह्मण समाज की अभिनव पहल : अपने सामथ्र्य पर 3 लाख से अधिक दीपक लगाने का लिया संकल्पमाचिस,बाती और स्टीक की निविदाएं जारी करने की तैयारी

महाशिवरात्रि पर हो रहे महाआयोजन के लिए की जा रही टेंडर प्रक्रिया शंका के दायरे में

शार्ट नोटिस टेंडर में कई बिन्दू स्पष्ट नहीं किए…

उज्जैन।महाशिवरात्रि पर 11 लाख दीपक जलाने के उत्सव को लेकर सभी की जिज्ञासा है कि यह कैसा जनसहयोग का उत्सव, जिसमें सारा खर्चा सरकार का हो रहा है।

वहीं अभा ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष सुरेंद्र चतुर्वेदी ने कहा कि ब्राह्मण समाज न प्रशासन से दीपक लेगा और न तेल। समाज ने अपने सामथ्र्य से दीपक लगाने का संकल्प लिया हैं। इन सबके बीच 14 हजार लीटर सोयाबीन के तेल और 12 लाख मिट्टी के दीपक की निविदा भी शंका के दायरे में आ गई है।

प्रश्न तो यह भी हैं कि ऑफ सीजन में इतनी बड़ी तादाद में मिट्टी के दीयों का इंतजाम कैसे होगा। अब दीपक की बाती और माचिस सहित दीप प्रज्वलित करने के लिए स्टिक की निविदा निकालने की तैयारी चल रही है। 11 लाख दीपक के कार्यक्रम की सभी तैयारियों को जिला पुरातत्व एवं पर्यटन परिषद के जिम्मे कर दिया गया है।

परिषद ने तेल और मिट्टी के दीपक की व्यवस्था के लिए टेंडर निकाले हैं,पर यह टेंडर शंका के दायरे में हैं। जानकारों के मुताबिक शार्ट नोटिस टेंडर में नियम अनुसार कई बिंदुओं का खुलासा ही नहीं किया गया है।

इसमें खासकर आयोजन की तारीख और आवश्यक सामग्री मसलन तेल और दीपक की न्यूनतम दर का उल्लेख नहीं किया गया हैं। निविदाकार के लिए कोई पैमाना भी तय नहीं है कि इसमें कौन हिस्सा ले सकता है। निविदा प्रक्रिया को लेकर कई तरह की चर्चा।

अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष पं. सुरेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि ब्राह्मण समाज द्वारा प्रत्येक ब्राह्मण परिवार के घर में 21 दीपक लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए समाज द्वारा जन जागरण अभियान प्रारंभ कर प्रतीकात्मक तौर पर मिट्टी के दीपक प्रदान किए जाएंगे। इसके साथ ही पम्पलेट,फोल्डर देकर ब्राह्मण परिवारों से आह्वान किया जाएगा कि वे महाशिवरात्रि पर्व के दीपोत्सव के पर 21 दीपक अवश्य लगाए।

पं.चतुर्वेदी के अनुसार हर ब्राह्मण परिवार के घर में दीपावली के शेष दीपक के अलावा पीतल ,तांबा,चांदी और अष्ट धातु के दीपक की उपलब्धता रहती है। ऐसी स्थिति में प्रत्येक घर में 21 दीपक प्रज्जवलित करना कोई मुश्किल काम नहीं हैं। हर ब्राह्मण के घर जाकर सदस्यों को प्रेरित करेंगे कि वे दीपोत्सव में सहभागी बनकर अपने कत्र्तव्य का पालन करें। पं.चतुर्वेदी का कहना है कि वे प्रशासन से ना दीपक लेंगे और ना ही तेल। इसकी व्यवस्था हर ब्राह्मण परिवार अपने स्तर पर करेगा।चंदे की चर्चा
आयोजन को लेकर पहले ही दिन कहा जा रहा कि जनअभियान और जनसहयोग से दीपोत्सव होगा। अब कार्यालय कलेक्टर पुरातत्व एवं पर्यटन परिषद द्वारा तेल और दीपक की निविदा जारी की गई है,तो साफ है पूरा खर्चा प्रशासन की मद से हो रहा है।

इस बीच चर्चा है कि कुछ लोगों द्वारा कार्यक्रम में नगद के तौर पर सहयोग मांगा जा रहा हैं। बता दें कि कार्यक्रम को लेकर पहली ही बैठक में कुछ लोगों ने फस्र्ट इंप्रेशन दिखाने के चक्कर नकद सहयोग की घोषणा कर दी और इसे डायरी में दर्ज भी किया गया। खबर तो यह भी है कि धन सहयोग के लिए
जगह-जगह फोन पर भी संपर्क किया जा रहा है।

और भी टेंडर निकलेंगे

तेल और दीपक के अलावा अन्य सामग्री जैसे दीपक की बाती माचिस और दीपक को जलाने के लिए स्टिक की जरूरत भी होगी इसके लिए अलग से निविदा निकालने की तैयारी की जा रही है यह कब जारी होगी यह स्पष्ट नहीं है इस संबंध में जिला पुरातत्व एवं पर्यटन परिषद के प्रभारी अधिकारी एसडीएम जगदीश मेहरा का कहना है कि आगे देखते हैं क्या होता है।

अधिकारियों के निर्देश पर प्लानिंग अनुसार कार्य किया जाएगा। तेल और दीपक के लिए कितनी निविदाएं आई है इसे लेकर प्रभारी अधिकारी मेहरा ने संख्या बताने से इनकार कर दिया। सूत्रों का कहना है कि सोमवार सुबह दीपक के लिए चार निविदाएं आई थी। इन चारों निविदाओं में प्रस्तुत दीपकों की कुल संख्या 9 हजार थी। इसके बाद यह अंदाज लगाया जा सकता है कि 12 लाख दीपक के लिए अधिकतम कितनी निविदा आ सकती है।

 

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