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त्योहार के मौसम में खपत बढऩे और ज्यादा मुनाफा के कारण कुछ लोग मिठाइयों में मिलावट कर रहे हैं। कहीं आप मिठाई के नाम पर मीठा जहर तो नहीं खा रहे हैं? बर्फी, लडडू से लेकर हर प्रकार की मिठाइयों में मिलावट हो रही है। मिठाई बनाने में यूज होने वाले दूध और मावा में मिलावट की वजह से इससे बनने वाली मिठाइयां किसी मीठी जहर से कम नहीं है। इतना ही नहीं, मिठाई को चटख रंग देने के लिए इसमें केमिकल्स वाले कलर मिलाए जा रहे हैं। जो कि आपकी किडनी को डैमेज कर सकते हैं। बाजार में मिठाई खरीदने से पहले उसे चख जरूर लें। भूलकर भी खट्टी और बदल चुके स्वाद वाली मिठाई न खरीदें।
डॉक्टरों के मुताबिक मिलावटी खाद्य पदार्थ आंतों के लिए खतरनाक हंै। इससे पाचन तंत्र पर सीधा असर पड़ता है। इसके सेवन से फूड प्वाइजनिंग के अलावा किडनी और लीवर खराब हो सकते हैं। ज्यादा चीनी वाली मिठाई लगातार खाने से बच्चों में डायबिटीज जैसी समस्या हो सकती है। आरारोट जैसे पाउडर से बनी मिठाई खाने से बच्चों की हड्डियां कमजोर हो जाती हंै।
ऐसे करें मिलावट का पता
दूध में मिलावट की पहचान करना आसान है। थोड़े से दूध में बराबर मात्रा में पानी मिलाएं। अगर उसमें झाग आए तो समझ लें कि इसमें डिटर्जेंट की मिलावट है।
सिंथेटिक दूध की पहचान करने के लिए दूध को हथेलियों के बीच रगड़ें। अगर साबुन जैसा लगे तो दूध सिंथेटिक हो सकता है। सिंथेटिक दूध गर्म करने पर हल्का पीला हो जाता है।
खोया यानी मावा अगर दानेदार है तो यह मिलावटी हो सकता है। इसकी पहचान के लिए उंगलियों के बीच इसे मसलें, दाने जैसे लगें तो खोया मिलावटी है।
मिलावटी घी की पहचान के लिए इसमें कुछ बूंदें आयोडीन टिंचर की मिला दें। अगर घी का रंग नीला हो जाए तो ये मिलावटी हो सकता है। अक्सर घी में आलू या शकरकंद की मिलावट होती है।
मिठाई पर चढ़े चांदी के वर्क में एल्युमिनियम धातु की मिलावट की जाती है। चांदी के वर्क को जलाने से वह उतने ही वजन की छोटी-सी गेंद जैसी हो जाता है। अगर वर्क मिलावटी हुआ तो वो स्लेटी रंग का जला हुआ कागज बन जाएगा।
शरीर के हर अंग पर असर
सिंथेटिक्स मावे से बनाई गई मिठाई और मिठाइयों में चटख रंग के लिए मिलाए गए केमिकल के दुष्प्रभाव मानव शरीर में मानसिक से लेकर, लीवर, हार्ट, गुर्दे सभी पर असर होता है। नकली चीजों से बनी मिठाई और केमिकलयुक्त पदार्थ आहार नली से शरीर में जाएगा तो गुर्दे, लीवर, हार्ट को नुकसान पहुंचाएगा। लीवर पर इफैक्ट हुआ तो पीलिया हो सकता है। किडनी काम करना बंद कर देगी। हार्ट को रक्त की सप्लाई कम होगी जिससे हार्टअटैक का भी खतरा है।
माधवनगर अस्पताल
मिलावट करने वालों पर विभाग की नजर है। यदि किसी दुकानदार द्वारा सिंथेटिक मावे से बनी या केमिकलयुक्त मिठाई बेची जाती है तो कार्रवाई की जाएगी। संभवत: आज से कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए दो टीमें बनाई हैं जिसमें तीन-तीन सदस्य हैं।