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200 साल पुराने मंदिर की मूर्तियों का उत्थापन, गच्छाधिपति आए
उज्जैन :- 200 वर्ष प्राचीन श्री आदिनाथ मंदिर नयापुरा के जीर्णोद्धार के लिए यहां विराजित भगवान की मूर्तियों का गच्छाधिपति आचार्य दौलतसागर महाराज के सान्निध्य में सोमवार को उत्थापन किया गया। मंदिर से मूर्तियां हटाकर नवनिर्मित हाल में विराजित की गई ताकि नया मंदिर बनने तक समाजजन उनकी पूजा-अर्चना कर सके। तीन आचार्यों के सान्निध्य में मंदिर का भूमिपूजन व खनन मुहूर्त हुआ। ऊर्जा मंत्री पारस जैन सहित सैकड़ों समाजजनों ने आचार्यों के मंगल प्रवेश पर अगवानी की।
गच्छाधिपति आचार्य दौलतसागर सूरिश्वर महाराज बड़नगर रोड हनुमंत बाग होकर सुबह 8.30 बजे शहर पहुंचे। केडी गेट पर संपूर्ण जैन समाज उनकी अगवानी के लिए उमड़ पड़ा। महाराज के साथ आचार्य नंदीवर्धनसागर सूरिश्वर, आचार्य हर्षसागर सूरिश्वर सहित साधु-साध्वी मंडल यहां आए हैं। अभय मेहता ने बताया तीन आचार्यों का चातुर्मास इस बार उज्जैन में होगा। बैंड-बाजों से अगवानी कर आचार्यों को समाजजन नयापुरा मंदिर तक ले गए, जहां आचार्यों की मौजूदगी में विधिकारक डॉ. संतोष मूणत ने मूर्तियों की चल प्रतिष्ठा, भूमिपूजन व खनन मुहूर्त आदि संपन्न कराया। भूमिपूजन की 36036 व खनन की 22000 की बोली लगाई गई। पूजन पश्चात जैन ओसवाल भवन नयापुरा में सकल श्रीसंघ का स्वामी वात्सल्य हुआ। इसके पूर्व आचार्यश्री के आशीर्वचन हुए। कार्यक्रम में गौतमचंद्र धींग, नरेंद्र कुमार छाजेड़, रमेश मूणत, सुभाष दुग्गड़, कमल पिछोलिया, महेंद्र श्रीमाल, अभय खाबीया, दिनेश जैन, नवीन कांकरिया आदि मौजूद थे।
उज्जैन – मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की पत्नी साधनासिंह ने सोमवार काे मप्र में शांति के लिए महाकाल की विशेष पूजा-अर्चना की। वे शाम 5 बजे उज्जैन आईं। उनके साथ 8-10 पारिवारिक महिलाएं भी थीं। महाकाल मंदिर पहुंचकर साधनासिंह ने गर्भगृह में पूजन-अर्चन किया व भगवान से मप्र में शांति व जनता की खुशहाली के लिए कामना की। पूजन पुजारी प्रदीप गुरु ने कराया।
गच्छाधिपति बनने के बाद पहली बार उज्जैन आए
गच्छाधिपति बनने के बाद आचार्य दौलतसागर सूरिश्वर महाराज का पहली बार उज्जैन आगमन हुआ है। इसलिए समाजजनों में खासा उत्साह है क्योंकि आचार्यश्री का चातुर्मास भी इस बार उज्जैन में ही होगा।
चातुर्मास के लिए मंगल प्रवेश 25 जून को
गच्छाधिपति सहित आचार्यों व संत मंडल का शहर में चातुर्मास के लिए मंगल प्रवेश 25 जून काे होगा। महाराजश्री खाराकुआं में श्री हीर विजय सूरि बड़ा उपाश्रय में चातुर्मास करेंगे।