5 दिन से 0 पॉजिटिव:पर टिका है नए मरीजों का आंकड़ा एक्टिव केस भी सिर्फ-12 ही

कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा 13804 मरीज संक्रमित हुए, जिनमें से 13799 मरीजों ने कोरोना को हराया है। संक्रमण का खतरा शहरी क्षेत्र में ही ज्यादा रहा, क्योंकि यहां के लोगों की बाहरी लोगों से कनेक्टिविटी रही। शहर की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण का खतरा कम रहा। बड़नगर तथा नागदा-खाचरौद को छोड़कर जिले की बाकी तहसीलों में मरीज कम पाए गए। जिले में सबसे कम 326 मरीज घट्टिया तहसील में पाए गए। जिले में वैक्सीनेशन बढ़ने से मरीजों का आंकड़ा जीरो पर आ गया है। अब तक 8 लाख 19 हजार 547 लोग टीका लगवा चुके हैं। पिछले पांच दिनों से जीरो मरीज यानी एक भी मरीज में संक्रमण नहीं पाया गया है। अनलॉक में कोविड प्रोटोकॉल का पालन होता रहा तो उज्जैन तीसरी लहर से बच सकता है।

जिले में अब तक कुल पॉजिटिव मरीज 19091 पाए गए, जिनमें से पहली लहर में 5287 तथा दूसरी में 13804 मरीज चपेट में आए। यानी पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में 8517 मरीज ज्यादा संक्रमित हुए। सरकारी रिकॉर्ड में पहली लहर में 103 मौतें हुई और दूसरी लहर में 68 मौतें दर्शाई गई। मौत का आंकड़ा भी थम गया है। 39 दिन बाद एक मौत हुई है, जिसके सहित कुल 171 मरीजों की मौत हुई है। कोई पॉजिटिव नहीं, 3 डिस्चार्ज, अब 12 एक्टिव : लगातार पांचवें दिन 0 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं।

सोमवार को 1621 लोगों की रिपोर्ट आई है। इसमें एक भी पॉजिटिव नहीं पाया गया। अब केवल 12 मरीज ही एक्टिव रह गए हैं। 3 मरीज हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुए। इनके साथ ही स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 18908 हो गई है और मृत्यु दर 171 पर बनी हुई है।

प्रोटोकॉल पालन जरूरी

वैक्सीनेशन बढ़ने और कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करने से संक्रमण का खतरा कम होता जा रहा है। ऐसे ही कोविड प्रोटोकाॅल का पालन होता रहा तो उज्जैन तीसरी लहर से बच सकेगा।-डॉ. एचपी सोनानिया, नोडल अधिकारी कोविड-19

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