70 फीट चौड़ाई कम की, बारिश में डूब सकता है गांव, जिम्मेदार कौन?

ग्रामीणों का आरोप… तिरूपति ड्रीम्स के कॉलोनाइजर ने नाले की जमीन पर किया कब्जा

शिकायतों को अनदेखा किया अफसरों की भूमिका संदिग्ध

उज्जैन। बडऩगर बायपास पर बन रही तिरूपति ड्रीम्स कॉलोनी कई गांव के लिए घातक साबित हो सकती है। कॉलोनाइजर पर ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने शासकीय जमीन हथियाने के लिए नाले की चौड़ाई भी कम कर दी जिससे बारिश में कई गांवों में पानी भर सकता है। गंभीर मामला होने के बावजूद कार्यवाही नहीं करने से अफसरों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हं।

हरिफाटक रोड से बडऩगर बायपास मार्ग पर कॉलोनाइजर महेश परियानी तिरूपति ड्रीम्स का निर्माण कर रहे हैं। कॉलोनी को लेकर ग्राम पंचायत दाऊदखेड़ी के रहवासियों ने कलेक्टर को शिकायत कर रखी है। आवेदन में लिखा है कि हासामपुरा से शिप्रा नदी तक 20 किमी लंबा नाला (खाल) है। सात गांवों की सीमा को छूते हुए आ रहा यह नाला उनके गांव के पास करीब 90 फीट चौड़ा था।

जोरदार बारिश में नाला उफान पर आने से सड़क पर पानी भर जाता था। बावजूद परियानी ने कॉलोनी के पास की जमीन पर कब्जा कर मात्र 15 से 20 फीट का नाला छोड़ उस पर ऊंची बाउंड्री वॉल बनवा दी। ऐसा करने से बारिश में शायद कॉलोनी में पानी भरने से बच जाए लेकिन दाऊदखेड़ी के लिए यह खतरा साबित हो सकती है। इस संबंध मेंं परियानी को कॉल किया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

मेड़ पर बनाई सड़क 
मामले में शिकायत करने वाले उपसरपंच परिहार के साथ गुरुवार को मौके पर पहुंचकर पड़ताल की तो पता चला कि कॉलोनी के अंदर की एक मुख्य सड़क सरकारी मेढ़ पर बनाई गई है। वहीं कॉलोनाइजर ने कॉलोनी के पीछे स्थित सरकारी जमीन पर भी पोल गाड़कर कब्जे का प्रयास किया था। वहां से जमकर मिट्टी भी खोदी गई लेकिन ग्रामीणों के विरोध के कारण कब्जा छोडऩा पड़ा।

ऐसे दिखाई चतुराई 
ग्रामीणों ने बताया नाला पहले आड़ा-तिरछा था जिससे कई प्लॉट सीधे नहीं कट सकते थे। यही वजह है कॉलोनाइजर ने नाले की दिशा बदलते हुए उसे सीधा कर नाले की जमीन पर कब्जा कर लिया। नाले की ऊंची बाउंड्रीवॉल बनवा दी जिससे खरीदार भी भ्रमित हो जाए। शिकायत में ग्रामीणों ने कब्जे का प्रमाण देने के लिए कॉलोनाइजर की जमीन के साथ ही कब्जा की गई जमीन के सर्वे नंबर ५६ भी दर्शाया है।

सरकार को रखा अंधेरे में 
गांव के उपसरंपच उदयसिंह परिहार ने दो बार पूर्व कलेक्टर को आवेदन दिया। सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की। जांच के आदेश होने पर क्षेत्र के पटवारी सरदारसिंह ने ग्रामीणों को सूचना तक नहीं दी और कॉलोनाइजर की मंशानुसार जमीन नपती रिपोर्ट भेज दी। दोबारा शिकायत होने पर भी ध्यान नहीं दिया।

अब जिम्मेदारी प्रशासन की
नाले की जमीन पर कब्जा कर उसकी चौड़ाई कम करते हुए ऊंची बाउंड्री बनने से बारिश में गांव में पानी भरने की संभावना बढ़ गई है। शिकायत के बाद भी कार्यवाही नहीं करने पर अब जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

उदयसिंह परिहार, उपसरंपच, ग्राम पंचायत दाऊदखेड़ी

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