उच्च शिक्षा मंत्री पटवारी ने पूछा- राजनीति में कितनी छात्राएं आना चाहती हैं, एक ने भी हाथ नहीं उठाया

कॉलेज परिसर में बनाए रैंप से छात्रा सुषमा परमार से संवाद करते जीतू पटवारी।

अतिथि विद्वान को सेवा से पृथक नहीं करेंगे
विधायक महेश परमार ने चेतन यादव के अनुरोध पर सामाजिक सेवा शिविर लगाने पर विचार करने का सुझाव दिया है। जनभागीदारी समिति अध्यक्ष असलम लाला ने बताया महाविद्यालय का सीमांकन के लिए कलेक्टर से अनुरोध किया है। माधव विज्ञान महाविद्यालय का मास्टर प्लान बनाने की प्रक्रिया भी चल रही है। उच्च शिक्षा मंत्री ने मंच से महाविद्यालय विकास के लिए 22 करोड़ रुपए उपलब्ध करवाए जाने की घोषणा की। जिससे उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाया जाकर विद्यार्थी बेहतर शिक्षा ग्रहण कर आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा-महाविद्यालयों में कार्यरत किसी भी अतिथि विद्वान को सेवा से पृथक नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार सहायक प्राध्यापकों की भर्ती कर रहा है। इसमें अतिथि विद्वान को प्राथमिकता दी जाएगी। महाविद्यालय की कमियों को राज्य सरकार पूरा करेगी। प्रदेश में 200 महाविद्यालयों को चिह्नित किया है, जिनमें विकास के लिए राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

विद्यार्थियों के सवाल, मंत्री पटवारी के जवाब

छात्रा साक्षी पाठक : रसायन शास्त्र में चार सेमेस्टर हैं, अगर तीन हो जाएं तो अच्छा। चौथे में इंडस्ट्रीयल एक्सपोजर होने से जॉब मिल सकती है?

मंत्री : आप चाहे तो स्थानीय तौर पर उद्योगों में एक्सपोजर करवा सकते हैं। इसके लिए उच्च स्तर पर भी चर्चा करेंगे।

शालिनी वर्मा : स्मार्ट फोन वितरण एक साल ही किया, उसे बंद क्यों किया?

मंत्री : स्मार्ट फोन जरूरी हैं या स्मार्ट क्लासेस। हम कॉलेजों में स्मार्ट क्लासेस शुरू करवा रहे हैं। पिछली सरकार ने छात्रों के वोट लेने के लिए बनाई थी योजना। जो स्मार्ट फोन उन्होंने दिए वे चायना के थे और छह महीने भी नहीं चले।

शालिनी वर्मा : सितंबर, अक्टूबर में आपने वादा किया था कि छात्रसंघ चुनाव करवाएंगे? अब तक नहीं हुए।

पहले मुस्कुराए फिर बोले मंत्री- मेरी इच्छा है कि छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से हो और वे होंगे।

प्राचार्य बोले- हम झोली फैलाते हैं बच्चों के लिए
प्रभारी प्राचार्य भारद्वाज ने शुरुआत में कहा- महाविद्यालय को स्किल डेवलपमेंट सेंटर के रूप में विकसित कराएं। जिससे यहां से ट्रेनिंग लेकर युवा अपना भविष्य बना सकें। वर्तमान में महाविद्यालय से प्रमाण-पत्र तो दिया जाता है लेकिन उसकी कहीं मान्यता नहीं होती। उसे उच्च शिक्षा से मान्यता मिल जाए तो बेहतर होगा। कन्या छात्रावास का प्रस्ताव लंबित है। बजट भी तैयार है, उसे स्वीकृत करें। आखिरी में बोले- हम आपका सामने झोली फैलाते हैं, बच्चों के लिए। जवाब में पटवारी ने कहा- झोली फैलाना अच्छा है, मैं नहीं चाहता कि ऐसा हो। जो आपका अधिकार है वह मिलेगा।

प्राध्यापक बोले- छात्रावासों में जगह की कमी है

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