महाशिवरात्रि पर रूद्रसागर से महाकाल मंदिर तक नया रास्ता

Ujjain News: धरना प्रदर्शन के कारण होने वाली असुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने रूद्रसागर से नया रास्ता बनाया है।

उज्जैन. महाकाल मंदिर के समीप बेगमबाग वाले रास्ते पर चल रहे धरना प्रदर्शन के कारण होने वाली असुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने रूद्रसागर से नया रास्ता बनाया है। इसी से होकर वीआईपी व 250 की रसीदधारी श्रद्धालु मंदिर के शंख द्वार तक पहुंचेंगे।

 

पर्व पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी

21 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। 250 रुपए के टिकट से शीघ्र दर्शन के स्लाट सिस्टम एवं संख्या निर्धारित कर तथा पासधारी त्रिवेणी संग्रहालय के पास से रूद्रसागर तालाब के नए मार्ग से होते हुए शंख द्वार, फेसेलिटी सेन्टर, टनल-1 व 2 होते हुए नेवैद्य कक्ष के सम्मुख 6 नंबर द्वार से कार्तिक मण्डपम एवं गणेश मण्डपम से होते हुए बाबा महाकाल के दर्शन करेंगे। इसके बाद निर्गम द्वार से हरसिद्धि मार्ग होते हुए वापस चारधाम जहां पार्किंग है, पहुंचेंगे।

 

यहां से होगा मीडिया का प्रवेश

इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया का प्रवेश बेगमबाग वीआईपी रूट से माधव सेवा न्यास के पीछे वाहन पार्क करने के बाद शंख चौराहा से निर्माल्य गेट के समीप वाले रास्ते से महाकाल मंदिर परिसर में प्रवेश करेंगे। यह प्रवेश मात्र मीडिया के लिए ही रहेगा। परिसर के अंदर से पत्रकार बाल हनुमान के पास से रैम्प से कोठार शाखा के गलियारे से होते हुए कंट्रोल रूम के समीप बनाए गए मीडिया सेन्टर पर आ सकेंगे।

 

पुजारी-पुरोहित का प्रवेश हरसिद्धि चौराहे से

पुजारी-पुरोहित एवं इनके परिजन हरसिद्धि चौराहे से अलग कतार में लगकर प्रवचन हॉल से प्रवेश करेंगे। इनकी कतार में दूसरे श्रद्धालु नहीं लगेंगे। वहीं सामान्य दर्शनार्थियों का प्रवेश हरसिद्धि चौराहे से कतार में लगकर बड़ा गणेश, पुलिस चौकी के सामने से होते हुए सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल से माधव सेवा न्यास पार्किंग, शहनाई गेट, झिकझेक से फेसेलिटी सेंटर, टनल से होते हुए 6 नंबर गेट से होकर दर्शन करेंगे।

 

बैरिकेड्स व रूद्रयंत्र की सफाई

महाकाल मंदिर के गणेश व कार्तिकेय मंडपम में लगे पीतल के बैरिकेड्स व स्तंभों को पॉलिश से चमकाने का कार्य किया जा रहा है।

 

उमड़ रही आस्थावानों की भीड़

महाकाल मंदिर में शिवनवरात्रि पर्व की धूम चल रही है। बाबा प्रतिदिन दूल्हा बनकर अलग-अलग स्वरूपों में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। सुबह से देर रात तक आस्थावानों की लंबी कतार यहां देखी जा रही है।

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