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महाकाल मंदिर के पुजारी बोले…बिना वेतन देंगे सेवा…
Ujjain News: 40 साल से महानिर्वाणी अखाड़े के पास थी ओंकारेश्वर मंदिर की व्यवस्था, अब पुजारियों को दे दी नई जिम्मेदारी
उज्जैन. महाकाल मंदिर में पिछले 40 साल से महानिर्वाणी अखाड़े के महंत प्रकाशपुरी महाराज व उनके अनुयायी परिसर में स्थित ओंकारेश्वर और नागचंद्रेश्वर में पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं, उन्हें इससे बेदखल करते हुए मंदिर के पुजारियों को इसकी जिम्मेदारी दे दी गई है। इस मामले में कहीं न कहीं राजनीति भी हावी नजर आ रही है। सेवा के लिए प्रशासक एसएस रावत ने पुजारियों को फिलहाल मौखिक तौर पर निर्देश दिए हैं। अखाड़े के महंत प्रकाशपुरी महाराज इस मामले को लेकर नाराज हैं और आश्रम छोड़ गए हैं।
ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के महानिर्वाणी अखाड़े में बुधवार को काफी हलचल रही। हर कोई यह जानना चाहता था कि महंतजी आश्रम क्यों छोड़ गए, इसके पीछे तर्क और अफवाहों का बाजार गरम रहा। वहीं अखाड़े के नए गादीपति को लेकर भी चर्चा होती रही। अब महाकाल मंदिर के 16 पुजारी बारी-बारी से यहां पूजा करेंगे। अधिकारियों ने यह व्यवस्था मंगलवार शाम से ही शुरू कर दी है। इससे पहले ओंकारेश्वर मंदिर में पूजन आदि का कार्य व जिम्मेदारी महानिर्वाणी अखाड़े के पास थी। सूत्रों के अनुसार गादीपति प्रकाशपुरी महाराज बीते दिनों यहां से कहीं चले गए हैं। फिलहाल वे कहां हैं, इस संबंध में कोई स्पष्ट जानकारी देने को तैयार नहीं है। साथ ही अखाड़े के आश्रम को भी खाली कराने की बात की जा रही है।
पुजारी बोले…बिना वेतन देंगे सेवा
महाकाल मंदिर के पुजारियों का कहना है कि ओंकारेश्वर मंदिर की सेवा का सौभाग्य मिला है, जिसे हम सभी बिना वेतन लिए श्रद्धानुसार से करेंगे। साथ ही यहां मंदिर समिति की ओर से भेंटपेटी भी रखी जाए, ताकि अधिक से अधिक दान प्राप्त हो और विकास कार्य में काम आए। यहां बिकने वाले ताबीज, रुद्राक्ष की माला व अन्य सामग्री पूर्णत: बंद की जाएगी। आने वाले भक्तों को भस्मी मिलेगी, वह भी नि:शुल्क।
गणेशपुरी महाराज ही करेंगे भस्मी चढ़ाने का कार्य
महाकाल मंदिर के पुजारियों ने कहा कि २५ साल से भस्मी चढ़ाने का कार्य महानिर्वाणी अखाड़े के गणेशपुरी महाराज करते आ रहे हैं, आगे भी वे ही करेंगे। इसके ऐवज में मंदिर समिति की ओर से उन्हें 25 हजार रुपए, भस्मी के लिए कंडे और रहने के लिए आश्रम में ही एक कक्ष दिया जाएगा। साथ ही वे एक-दो अपने प्रतिनिधि भी रख सकते हैं।
इधर कहानी में नया मोड़, महंत आनंदपुरी बने महंत प्रकाशपुरी के उत्तराधिकारी
इधर कहानी में नया मोड़ भी आया। श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत प्रकाशपुरी महाराज ने महंत आनंदपुरी महाराज को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। इस संबंध में प्रकाश पुरी महाराज ने रजिस्ट्रीकरण एवं स्टॉम्प विभाग मध्यप्रदेश उज्जैन द्वारा एक रजिस्टर्ड पंजीयन प्रमाण पत्र भी जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि दिनांक 27 फरवरी 2020 को प्रकाशपुरी गुरु महंत संपतपुरी महाराज निवासी महाकाल मंदिर परिसर द्वारा भरतपुरी स्थित पंजीयक कार्यालय पहुंचकर एक रजिस्टर्ड वसीयतनामा रजिस्टर करवाया, जिसमें महंत आनंदपुरी गुरु प्रकाशपुरी गुरु पीर महंत सुंदरपुरी महाराज को अपना उत्तराधिकारी घोषित करते हुए लिखा कि वह काफी वृद्ध हो चुके हैं। ऐसे में उनकी देखरेख करने वाले शिष्य तुल्य आनंदपुरी को अपना उत्तराधिकारी घोषित करते हैं। साथ ही उन्होंने लिखा कि महाकाल मंदिर में पूजा अर्चना का कार्य भी अब आगे से महंत आनंदपुरी महाराज ही करेंगे। मंदिर प्रबंध समिति की बैठक कलेक्टर कार्यालय के कार्य सहित अन्य शासकीय और न्यायालय के कार्य भी उनकी ओर से आनंदपुरी करते रहेंगे।
” महानिर्वाणी अखाड़े के महंत प्रकाशपुरीजी बीमार हैं और इलाज के लिए बाहर गए हैं। इस कारण महाकाल मंदिर के पुजारियों को अस्थाई तौर पर ओंकारेश्वर मंदिर में पूजा करने को कहा गया है, ताकि व्यवस्था न बिगड़े।”
– एसएस रावत, प्रशासक महाकाल मंदिर।