सिंधिया ने कहा: भले ही उज्जैन में उप चुनाव नहीं लेकिन उज्जैन आसपास होने वाले चुनाव का केंद्र बिंदु बना रहेगा

राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया सोमवार को पहली बार भाजपा कार्यालय लोक शक्ति भवन पहुंचे। उनके यहां पहुंचते ही भाजपाइयों में जोश आ गया। सिंधिया ने कहा कि उज्जैन में भले ही उपचुनाव नहीं हैं लेकिन उज्जैन के आसपास होने वाले- उपचुनाव का केंद्र बिंदु रहेगा।

 

सिंधिया ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। बोले-

प्रदेश का विपक्ष विचलित है, वो किसान के लिए नहीं, वो महिलाओं-बेटियों के लिए नहीं, वो इस प्रदेश के युवाओं के लिए नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ कुर्सी और सत्ता के लिए चिंतित हैं। आज हमारे लिए सत्ता की चुनौती नहीं है। सत्ता की चुनौती उनके सामने हैं जिन्हें 15 साल बाद जनता की सेवा का अवसर मिला था पर उसे भी उन लोगों ने स्वार्थ पूर्ति में गवां दिया। उप चुनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा जब हमारे संगठन का कार्यकर्त्ता अपनी कमर कस कर जनता का आशीर्वाद लेने मैदान में उतरेगा तो कोई ताकत नहीं है जो भाजपा को जितने से रोक सके। सिंधिया ने कहा कि उज्जैन के साथ मेरा पारिवारिक संबंध रहा है। उज्जैन में इस ऐतिहासिक स्वागत के लिए में सदैव ऋणी रहूंगा। विधायक पारस जैन के निवास पर भी पहुंचे थे। शाम को सिंधिया ने रामघाट पहुंचकर बाबा महाकाल की पालकी का पूजन भी किया। तत्पश्चात कालभैरव के दर्शन किए और भाजपा कार्यालय पहुंचे थे। जिला ग्रामीण अध्यक्ष बहादुर सिंह बोरमुंडला, मंत्री तुलसी सिलावट मंचासीन थे।

सिंधिया सोमवार को घायल होते बच गए। घटना शाम की है जब वे राणोजी की छत्री से रामघाट के बीच की सीढ़ियां उतर रहे थे। उनके पीछे समर्थकों की भीड़ भी आने लगी, जिसे सुरक्षाकर्मियों ने रोकना चाहा। तब धक्का-मुक्की हुई। इसी दौरान सीढ़ियों के किनारे पर लगी लाल पत्थर की रैलिंग टूट गई, जिसे देख सिंधिया एक पल के लिए रूके और फिर आगे बढ़े। कुछ सुरक्षाकर्मियों ने हाथ के सहारे से रैलिंग के टुकड़े नीचे नहीं गिरने दिए। जिससे किसी को चोट नहीं आई।

 

पहले 50 कांग्रेसी गिरफ्तार

कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को काले झंडे दिखाने से पहले ही पुलिस ने करीब 50 कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। चिमनगंज मंडी थाना प्रभारी एमएस परमार ने बताया उन्हें अस्थाई जेल में रखा।

 

कछवाय ने किया स्वागत

सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का कछवाय परिवार द्वारा गोपाल मंदिर में स्वागत किया गया। इस अवसर पर भूपेंद्र कछवाय, नरेंद्र कछवाय उपस्थित थे।

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