छापामारी:तोपखाना क्षेत्र की दुकानों पर 350 से 450 रुपए में चाइनीज मांझा

चायना मांझे से चार साल की बालिका के गंभीर घायल होने की घटना के बाद शुक्रवार को दो थानों की संयुक्त टीम ने तोपखाना में पतंग दुकानों पर दबिश दी। यहां पुलिस की दबिश से पहले ही मांझा गायब कर दिया गया। पुलिस को इसलिए किसी भी दुकान से चायना का मांझा नहीं मिला।

एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल के निर्देश पर शुक्रवार को महाकाल थाना टीआई अरविंद सिंह तोमर व खाराकुआं थाना प्रभारी जितेंद्र भास्कर 15 पुलिसकर्मियों की टीम लेकर तोपखाना में दबिश देने पहुंचे। यहां बबलू पतंग सेंटर, मुबारिक पतंग व नागौरी पतंग सेंटर समेत अन्य दुकानों पर तलाशी ली गई लेकिन एक भी दुकान से चायना का मांझा जब्त नहीं हुआ। संभवत: पुलिस कार्रवाई की भनक मांझा बेचने वालों को लग गई थी इसलिए पहले ही मांझा गायब कर दिया गया। कार्रवाई के दौरान तोपखाना के कुछ पतंग दुकानदारों ने यह खुलासा भी किया कि चायना मांझा थोक में तेलीवाड़ा क्षेत्र से बिक रहा है। कोतवाली पुलिस को सब पता है।

 

बेचने वाले पर रासुका, खरीददार भी बनेंगे आरोपी

एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने कहा कि चायना मांझा बेचने वालों पर रासुका जैसी सख्त कार्रवाई की जाएगी। पशु-पक्षियों और लोगों की जान से खिलवाड़ नहीं करने देंगे। एसपी ने कहा चायना का मांझा खरीदने वाले भी आरोपी बनेंगे इसलिए अभिभावकों से भी अपील है कि वे बच्चों को समझाइश दें। चायना मांझा सभी के लिए ही घातक है और इससे बचें। कोई बेच रहा है तो पुलिस कंट्रोल रूम की हेल्पलाइन 07342525253 पर सूचना दें।

 

बच्ची घायल हो गई थी

गौरतलब है कि चाायना मांझे से गुरुवार को चार साल की बालिका गंभीर घायल हो गई। मांझे से उसका गाल व होंठ कट गए। परिजन ने निजी अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां उसे 12 टांके लगे हैं।

 

आप रुपए दे दो, एक घंटे बाद मांझा मंगवा देता हूं

भास्कर ने शहर के उन क्षेत्रों में पड़ताल की जो पतंग और मांझे के लिए जाने जाते हैं। दो घंटे तक इन क्षेत्रों घूमने पर एक दुकानदार आसानी से चायना मांझा बगैर किसी अतिरिक्त कीमत लिए देने को तैयार हो गया है। तोपखाना क्षेत्र के मुख्य मार्ग पर शहर का सबसे बड़ा पतंग बाजार है। यहां की हर दूसरी दुकान में पतंग-मांझा का कारोबार होता है। ऐसे कारोबारी भी हैं जो वर्षभर केवल पतंग बनाते हैं। मांझा भी खुद तैयार करते थे लेकिन वक्त की कमी के कारण अब बाहर से मंगवाते हैं। यहां पर मुख्य मार्ग की एक दुकान पर चायना मांझा 350 से 450 रुपए में मिल रहा है। भास्कर ने जब व्यापारी से पूछा कि बताओ कहां रखा है तो बोला आप रुपए दे दो मैं एक घंटे बाद मंगवा देता हूं। आप चाहें तो यहीं रहें या कोई काम हो तो कर आओ।

 

6 रील की कीमत 350 से 450

मांझा रील के मान से बिकता है। एक-दो रील छोटे बच्चों के लिए छोटी चकरियों में मिलती है। इसके बाद ज्यादा पूछपरख छह रील की होती है। ऐसे में चायना मांझा भी छह रील में ही बेचा जा रहा है। तोपखाना के व्यापारी ने छह रील की कीमत पहले 450 रुपए बताई फिर कहा, 350 रुपए की भी है।

 

इन क्षेत्रों में बिक रहा चायना मांझा

मकर संक्रांति नजदीक आते ही शहर में पतंग का कारोबार बढ़ गया है। तोपखाना, मिल्कीपुरा, कमरी मार्ग, केडीगेट, खंदार मोहल्ला, लोहे का पुल क्षेत्र पतंग के कारोबार के लिए जाने जाते हैं। इन स्थानों पर हर साल चोरी-छिपे चायना मांझा बेचा जाता है। इससे लोग हादसे का शिकार होते हैं।

 

पाबंदी है इसलिए तो मंगवाना पड़ रही, नहीं ताे यहीं से दे देते

  • भास्कर : क्या सभी प्रकार का मांझा बेचते हैं?
  • व्यापारी : हां, सभी का बेचते हैं, दो से लेकर छह रील तक।
  • भास्कर : चायना मांझा भी मिल जाएगा क्या?
  • व्यापारी : हां मिल जाएगा, लेकिन एक घंटे बाद।
  • भास्कर : एक घंटे बाद क्यों, अभी दे दो?
  • व्यापारी : पाबंदी है, इसलिए दूसरी जगह से मंगवाना पड़ता है।
  • भास्कर : क्या रुपए पहले देने होंगे?
  • व्यापारी :हां, रुपए दे जाएं, एक घंटे चाहें तो यहीं रहें या कोई काम निपटा लें।
  • भास्कर : क्या बेचने के लिए भी दे सकते हैं?
  • व्यापारी : नहीं, बेचने के लिए थोक में देना पड़ता है, उस पर निगरानी रखी जाती है।
  • भास्कर : कितने रुपए दूं, छह रील के लिए?
  • व्यापारी : आप तो 350 रुपए दे दो, मैं मंगवा लेता हूं।

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