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कलेक्टर ने देवी को चढ़ाई शराब, शहर में 27 किलोमीटर धार चढ़ाकर लगाया जाएगा 40 मंदिरों में भोग
उज्जैन में कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए अष्टमी पर नगर पूजा में कलेक्टर ने देवी को शराब चढ़ाई। पूरे शहर में 27 किलोमीटर की धार चढ़ाने के साथ ही 40 मंदिरों में शराब का भोग लगाया जाएगा। परंपरा अनुसार चौबीस खम्बा माता मंदिर में आरती में कलेक्टर शामिल हुए। कलेक्टर ने महालया और महामाया माता को मदिरा पिलाकर महामारी से निजात दिलाने की प्रार्थना की।
मान्यता है कि यहां माता की पूजा राजा विक्रमादित्य करते थे। इसी परंपरा का निर्वहन कलेक्टर द्वारा किया गया। माता को मदिरा का भोग लगाने के बाद 27 किलोमीटर तक शहर में शराब की धार चढ़ा कर अलग-अलग भैरव मंदिरों में भोग लगाया जाएगा। उज्जैन कलेक्टर भी कुछ दूर तक शराब की हंडी लेकर पैदल चले। कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि मान्यता है कि देवी के पूजन से महामारी खत्म होती है। इसी के चलते उज्जैन शहर की तरफ से देवी से प्रार्थना की गई।
नहीं टूटती शराब की धार
लगभग 27 किलोमीटर इस महापूजा में 40 मंदिरों में मदिरा का भोग लगाया जाता है। सुबह से प्रारंभ होकर यह यात्रा शाम तक खत्म होगी। यात्रा उज्जैन के प्रसिद्ध माता मंदिर 24 खंबामाता मंदिर से प्रारंभ होकर ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर पर शिखर ध्वज चढ़ाकर समाप्त होती है। इस यात्रा की खास बात यह होती है कि एक घड़े में मदिरा को भरा जाता है जिसमें नीचे छेद होता है जिससे पूरी यात्रा के दौरान मदिरा की धार बहाई जाती है जो टूटती नहीं है। .
क्या है इतिहास और महत्व
उज्जैन में कई जगह प्राचीन देवी मन्दिर है। जहां नवरात्र में पाठ-पूजा का विशेष महत्व है। नवरात्र में यहां काफी तादाद में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। इन्हीं में से एक है चौबीस खंबा माता मन्दिर। कहा जाता है कि प्राचीनकाल में भगवान महाकालेश्वर के मन्दिर में प्रवेश करने और वहां से बाहर की ओर जाने का मार्ग चौबीस खंबों से बनाया गया था। इस द्वार के दोनों किनारों पर देवी महामाया और देवी महालाया की प्रतिमाएं स्थापित है। सम्राट विक्रमादित्य ही इन देवियों की आराधना किया करते थे। उन्हीं के समय से अष्टमी पर्व पर यहां शासकीय पूजन किए जाने की परम्परा चली आ रही है। नगर रक्षा के लिए यहां चौबीस खंबे लगे हुए थे, इसलिये इसे चौबीस खंबा द्वार कहते हैं। यहां महाअष्टमी पर शासकीय पूजा तथा इसके पश्चात पैदल नगर पूजा इसीलिये की जाती है ताकि देवी मां नगर की रक्षा कर सके और महामारी से बचा लें।