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शहर की सात हजार दुकानें होंगी कैशलेस
शहर की सात हजार दुकानें कैशलेस होगी। इन व्यापारियों ने बैंकों से पीओएस मशीन मांगी है, जो अगले दो महीने में मिल जाएगी। इसके अलावा जिले के 1100 गांव में पीओएस मशीन लगेंगी। 10 हजार से कम आबादी के इन सभी गांव में एक-एक मशीन लगाई जाएगी।
मशीनें लगाने के लिए नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) अनुदान उपलब्ध कराएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने बैंकों से गांवों की जानकारी मांगी है। इधर शहर के व्यापारियों को बैंक पीओएस मशीन उपलब्ध कराएगा। 7000 व्यापारियों ने बैंकों में आवेदन देकर मशीन की मांग की है, ताकि वे कैशलेस कारोबार कर सके। केंद्र सरकार ने कैशलेस लेन-देन चालू करने के लिए बैंकों को कहा है। रविवार को केंद्र सरकार से मिले नए निर्देशों के अनुसार जिले के 10 हजार से कम आबादी वाले गांवों को कैशलेस बनाने के लिए नाबार्ड से अनुदान उपलब्ध मशीनें लगाई जाएंगी। इसके लिए बैंक अपने स्तर पर योजना बना कर केंद्र सरकार को देंगे। कैशलेस गांव बनाए जा रहे बेलारी में दूध समिति के सभी सदस्यों के रुपे कार्ड बना दिए हैं।
बचत खातों पर भी स्वैप मशीन
बैंक अब बचत खातों पर भी लोगों को स्वैप मशीन देगी। बैंकों में अब तक चालू खातों पर ही स्वैप मशीन दी जा रही थी लेकिन कैश लेस व्यवस्था को और अधिक विस्तारित करने के लिए बैंक ऑफ इंडिया ने इसकी शुरुआत कर दी है। अभी केवल गैर व्यवसायी संस्था को ही बचत खातों पर स्वैप मशीन देंगे। मंदिर या ऐसी संस्थाएं जो लाभप्रद न हो वे भी मशीन लगवा सकती हैं।