इलाज के लिये दर-दर भटकते बालक को सहारा दिया कलेक्टर ने

कलेक्टर बंगले के सामने गन्ने की चरखी चलाकर अपनी अजीविका कमा रहे बारह वर्षीय बालक सूरज अग्निहोत्री का 16 दिसम्बर को हाथ चरखी में रस निकालते समय आ गया था। चरखी में बुरी तरह से कुचले गये हाथ का इलाज करने के लिये उन्होंने एकव्हाय से लेकर अन्य अस्पतालों में दिखाया। अन्त में फ्रीगंज स्थित उज्जैन आर्थो हास्पिटल में भर्ती करवाया। पैसे के अभाव में इलाज करवाना मुश्किल था। परिवार कलेक्टर संकेत भोंडवे के सामने गुहार लगाने गया।

कलेक्टर ने परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से उपचार हेतु 2.5 लाख रूपये का प्रकरण बनाने के निर्देश देते हुए अस्पताल को उपचार जारी रखने के लिये निर्देश दिये हैं। कलेक्टर ने आज 20 दिसम्बर को हॉस्पिटल में जाकर सूरज का कुशलक्षेम पूछा तथा हौसला अफजाई की। उन्होंने चिकित्सकों को समुचित उपचार के निर्देश दिये हैं।

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