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4 नवंबर से शुरू होगा कालिदास समारोह:राज्यपाल और स्वामी रामभद्राचार्य करेंगे कालिदास समारोह का शुभारंभ
- 3 नवंबर को कलश यात्रा के साथ देंगे पूरे शहर को आमंत्रण
देव प्रबोधिनी एकादशी पर 4 नवंबर से अखिल भारतीय कालिदास समारोह की शुरुआत होगी। इसके एक दिन पहले 3 नवंबर को कलश यात्रा निकाल कर पूरे शहर को समारोह के लिए आमंत्रित किया जाएगा। कालिदास सम्मान से भी चार कलाकारों को सम्मानित किया जाएगा।
कालिदास अकादमी में 4 नवंबर की शाम 7 बजे समारोह का शुभारंभ होगा। मुख्य अतिथि मप्र के राज्यपाल मंगुभाई पटेल होंगे। सारस्वत अतिथि श्रीतुलसी पीठाधीश्वर पद्मविभूषण जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्यजी, चित्रकूट होंगे। अध्यक्षता संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर करेंगी।
विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव एवं सांसद अनिल फिरोजिया होंगे। अकादमी के प्रभारी निदेशक डॉ. संतोष पंड्या ने बताया समारोह के शुभारंभ पर मप्र शासन के संस्कृति विभाग द्वारा कोलकाता के पद्मभूषण बुधादित्य मुखर्जी को शास्त्रीय नृत्य, इंदौर के पद्मश्री डॉ. पुरु दाधीच को शास्त्रीय नृत्य, मुंबई के वासुदेव कामथ को रूपंकर कलाएं और भोपाल के राजीव वर्मा को रंगकर्म के क्षेत्र में राष्ट्रीय कालिदास सम्मान से अलंकृत किया जाएगा।
समारोह शुरू होने के एक दिन पहले 3 नवंबर को मंगल घट स्थापना के उपलक्ष्य में कलश यात्रा निकाली जाएगी। सुबह 10 बजे रामघाट से शुरू होकर यह यात्रा पूरे शहर में विभिन्न मार्गों से होते हुए कालिदास अकादमी पहुंचेगी।
पूर्व संध्या पर गायन और मंगल वाद्य वादन की प्रस्तुतियां
समारोह अंतर्गत संकुल में 3 से 10 नवंबर तक सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
3 नवंबर: नांदी के अंतर्गत पद्मश्री मालिनी अवस्थी (लखनऊ) द्वारा गायन व डॉ. विवेक बनसोड़ (उज्जैन) द्वारा मंगल वाद्य वादन।
4 नवंबर: संस्कृत नाटक मालविकाग्निमित्रम् की प्रस्तुति।
5 नवंबर: भरत विशाला रंगमंच पर आयुर्धा शर्मा (उज्जैन) द्वारा कथक की प्रस्तुति। पद्मभूषण बुधादित्य मुखर्जी, कोलकाता द्वारा सितार वादन की प्रस्तुति दी जाएगी।
6 नवंबर: गजेंद्र पण्डा (भुवनेश्वर) के निर्देशन में शास्त्रीय नृत्य ओडिसी एवं पियाल भट्टाचार्य (कोलकाता) के निर्देशन में हिंदी नाटक विक्रम संवत्सर की प्रस्तुति।
7 नवंबर: डॉ. हरिहरेश्वर पोद्दार का कथक नृत्य होगा। मालवी नाटक मालव कीर्ति गाथा की प्रस्तुति।
8 नवंबर: डॉ. खुशबू पांचाल की कथक नृत्य प्रस्तुति एवं मैथिल देविका (त्रिवेंद्रम) द्वारा मोहिनीअट्टम शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी।
9 नवंबर: आयुषी त्रिवेदी (उज्जैन) का कथक और कौशिकी चक्रवर्ती (कोलकाता) का शास्त्रीय गायन।
10 नवंबर: शाम 7 बजे से डॉ. वर्षा अग्रवाल (उज्जैन) द्वारा संतूर वादन, डॉ. संध्या पुरेचा (नईदिल्ली) के निर्देशन में ऋतुसंहार नृत्य की प्रस्तुति।