गले में चायना मांझा फंसा तो हाथ से रोका, चिंतामण मंदिर के पंडित की अंगुलियां कटी

चायना मांझे से रविवार को भी हादसा हुआ। लालपुल-चिंतामण ब्रिज मार्ग पर बाइक से जा रहे चिंतामण गणेश मंदिर के पुजारी पंडित ईश्वर गुरु मांझे से जख्मी हो गए। चायना मांझा अचानक से उनके गले पर आ गया। पं. ईश्वर पुजारी ने तेजी से हाथ से मांझा गले से दूर किया व बाइक रोकी। इस दौरान उनके गले पर तो रगड़ लगी पर अंगुलियां कट गई। अंगुलियों में चार टांके लगाकर डॉक्टरों ने खून रोका।

घायल पुजारी को जिला अस्पताल में उपचार के बाद शाम को छुट्‌टी दे दी गई। पुजारी ने बताया वे शहर में काम निपटाकर बाइक से जा रहे थे, इसी दौरान चिंतामण ब्रिज पर चायना मांझा उड़ते हुए गले पर आ गया, वह तो मैंने हाथ से मांझा दूर कर बाइक रोक दी, नहीं तो गला कट जाता। पुजारी ईश्वर गुरु ने पुलिस-प्रशासन से मांग भी की है कि चायना मांझे को लेकर ऐसा सख्त कानून बनाया जाए कि आगे से इसे कोई बेच ही नहीं सके।

चायना मांझा पर पूरी तरह रोक सिर्फ जनजागरूकता से ही संभव: चायना मांझा को लेकर एक महीने पहले से सख्ती की, जो लोग बेचते पकड़े गए ऐसे तीन विक्रेताओं के अवैध अतिक्रमण तोड़े। एसएसपी सत्येंद्रकुमार शुक्ल ने बताया इस बार काफी हद तक चायना मांझा बिकने से रोका है लेकिन इस पर पूरी तरह रोक जनजागरूकता की बदौलत ही संभव है। लगता है अगले साल तक ये हो भी जाएगा, क्योंकि इस बार चायना मांझा बिकने से रोकने में लोगों ने भी अपनी जनभागीदारी दिखाई है, अपने बच्चे को रोका व टोका तथा कार्रवाई हो रही ये उदाहरण भी बताए। पतंग व मांझा बेचने के लिए अगर पटाखा दुकानों की तरह लाइसेंस जारी हो तो इसके लिए प्रदेश शासन स्तर पर ही नीति बनना चाहिए।

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