‘कुमार विश्वास…तुम्हारी बुद्धि विकृत है’:RSS को अनपढ़ कहने पर भड़कीं उमा भारती; बोलीं-कुपढ़-अनपढ़ की बात तो पीछे छूट गई

प्रख्यात कवि कुमार विश्वास द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS को अनपढ़ कहने पर पूर्व CM उमा भारती भी भड़क गईं। उन्होंने कहा कि कुमार विश्वास, तुम्हारी बुद्धि विकृत है। दो दिन पहले उज्जैन में रामकथा करने पहुंचे कुमार विश्वास ने RSS को अनपढ़ और वामपंथियों को कुपढ़ कहा था। हालांकि बाद में उन्होंने माफी भी मांग ली। पूर्व सीएम उमा ने माफी मांगने के तरीके पर आपत्ति ली है।

इसे लेकर उन्होंने गुरुवार को ट्वीट भी किया। लिखा- ‘कुमार विश्वास तुमने तो माफी मांगते हुए भी सबको सामान्य बुद्धि का कह दिया। अब कुपढ़, अनपढ़ की बात तो पीछे छूट गई किंतु तुम्हारी बुद्धि विकृत है, यह स्थापित हो गया’।

यह था मामला
उज्जैन में विक्रमोत्सव कार्यक्रम के तहत 21 से 23 फरवरी तक रामकथा का आयोजन किया गया है। मंगलवार को कथा सुनाने पहुंचे कुमार विश्वास का वीडियो सामने आया था। रामकथा में कुमार विश्वास ने कहा, ‘आज से 4-5 साल पहले बजट आने वाला था। मैं घर में स्टूडियो पर खड़ा था। कुछ रिकॉर्डिंग कर रहा था। वहां एक बच्चे ने मोबाइल ऑन कर दिया। वो बच्चा हमारे साथ काम करता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में भी काम करता है। वो मुझसे बोला कि बजट आ रहा है, कैसा आना चाहिए। मैंने कहा- तुमने तो राम राज्य की सरकार बनाई है, तो रामराज्य का बजट आना चाहिए। उसने कहा, रामराज्य में कहां बजट होता था।

मैंने कहा कि समस्या तुम्हारी यही है कि वामपंथी तो कुपढ़ हैं और तुम अनपढ़ हो। इस देश में दो ही लोगों का झगड़ा चल रहा है। एक वामपंथी हैं, वो कुपढ़ हैं, उन्होंने पढ़ा सब है, लेकिन सब गलत पढ़ा है। एक ये वाला है, इन्होंने पढ़ा ही नहीं है। ये सिर्फ बोलते हैं- हमारे वेदों में… देखे नहीं हैं कि कैसे हैं। भाई पढ़ भी लो। तो बोले रामराज्य में किस बात का बजट।

रामकथा में कुमार विश्वास के साथ मप्र के मंत्री मोहन यादव और उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया मौजूद थे।
रामकथा में कुमार विश्वास के साथ मप्र के मंत्री मोहन यादव और उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया मौजूद थे।

रामायण के उदाहरण देकर समझाया था टैक्स सिस्टम
कुमार ने रामायण के उदाहरण देकर टैक्स सिस्टम समझाया। कहा था कि भगवान ने चित्रकूट में भरत को रात में बैठकर समझाया। कहा कि- कैसे राज्य चलाते हैं। विशेष रूप से जो सबसे पुरानी राम कथाओं में है श्रीमद् भगवद्, वाल्मीकि रामायण के बाद अध्यात्म रामायण में इसका बड़ा अच्छा उल्लेख है। भगवान ने कहा राजा भरत से- बेटा टैक्स कैसे ले रहे हो, भरत ने कहा- हां, जैसे टैक्स लेते हैं। भगवान ने कहा- नहीं, हम सूर्यवंशी हैं। हमको टैक्स ऐसे लेना चाहिए, जैसे सूरज लेता है।

बीजेपी नेताओं ने आपत्ति जताई
मामला सामने आने के बाद भाजपा के प्रवक्ता राजपाल सिसौदिया ने कहा था कि कथा करने आए हो कथा करो, प्रमाण पत्र मत बांटो श्रीमान। वहीं बयान विवाद के बाद कुमार विश्वास की सुरक्षा बढ़ा दी गई। बुधवार रात को वे कड़ी सुरक्षा में कथा कार्यक्रम स्थल पहुंचे थे।

बाद में विश्वास ने दी थी सफाई
विवाद सामने आने के बाद कुमार विश्वास ने वीडियो जारी करते हुए सफाई दी थी। उन्होंने कहा- जय जय सियाराम, कल क्षिप्रा के तट पर उज्जैयिनी में बहुत खराब स्वास्थ्य व बुखार के बावजूद, आज भी बुखार है, लेकिन महाकाल बाबा ने कृपा की तो दो घंटे से अधिक समय तक रामकथा और उसकी प्रासंगिकता पर बोल सका।

कथा प्रसंग में मेरे कार्यालय में काम करने वाले एक बालक के विषय में मैंने टिप्पणी की, जो संयोग से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में काम करता है, पढ़ता-लिखता कम है, बोलता ज्यादा है। तो मैंने उससे कहा कि तुम पढ़ा करो, तुम पढ़ते नहीं हो। वामपंथी कुपढ़ हैं और तुम अनपढ़ हो। सिर्फ इतनी सी बात मैंने ये कही और इसे कुछ विघ्नसंतोषियों ने इसे ज्यादा फैला दिया। आज मुझे कुछ समाचार मिले कि कुछ मित्रों ने कहा कि हम इस कथा को भंग करेंगे। तो भाई आप ध्यान रखिएगा कि राम की कथा को कौन भंग करते हैं, ये भी ध्यान रखिएगा।

उन्होंने कहा, मैं उज्जैनस्थ अपने सभी मित्रों से अनुरोध करता हूं कि आप सब वहां पहुंचें। मैं जो बोल रहा हूं उसका अर्थ आप उस तरह से लगाएं, जो मैं बोल रहा हूं। यदि आप किसी नए अर्थ में उसे समझेंगे तो उसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं। तदोपरांत आपकी इस सामान्य बुद्धि में अगर ये प्रसंग किसी और तरीके से चला गया है तो उसके लिए मुझे माफ करें… क्षमा करें।

दो ढाई घंटे में जो उत्सवधर्मी हो, जो अच्छा हो, जो मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कथा से नवनीत निकल सकता हो, उसे लेने की कोशिश करिए। आज प्रार्थना में बैठते समय भगवान से प्रार्थना करूंगा कि जिन्होंने भी ये विघ्नसंतोष पैदा किया है। ईश्वर उनकी बुद्धि को भी मलिनता से दूर करे, भगवान से जोड़े, मर्यादा पुरुषोत्तम राम से जोड़े।

मैं पुनः स्पष्ट करता हूं कि ये कथन मेरे कार्यालय में रहने वाले एक व्यक्ति के बारे में था, एक बालक के बारे में था और ऐसी बात तो मेरे पिता भी मुझसे कहते हैं बड़े मूर्ख हो तुम। जो स्वयं आप जानते ही हैं, सभी लोग जानते हैं कि संघ के बड़े पदाधिकारी हैं। मेरे भाई भी। ऐसी बातें सभी बोलते हैं, लेकिन मैंने उस लड़के से बोला क्योंकि वो आयु में बहुत छोटा बच्चा भी है, इसलिए बोल दिया और आपको अपना मानके मैंने वहां आपसे शेयर कर दिया।

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