देवासगेट से बसों के संचालन के मुद्दे पर खूब हुआ हंगामा

उज्जैन : सड़क सुरक्षा समिति की बैठक शनिवार की सुबह ११ बजे शुरू हुई। बैठक में देवासगेट से बसों के संचालन के मुद्दे पर खूब हंगामा हुआ। यहां एक पक्ष देवासगेट से बसों के संचालन के मुद्दे के विरोध में खड़ा दिखा, तो दूसरा यह चाहता था कि देवासगेट से उपनगरीय बसों का संचालन हो। इस मुद्दे पर समाचार लिखे जाने तक कोई निर्णय नहीं हो सका था, वहीं शहर में भी ऑड-इवन फार्मूले से गाडिय़ों के संचालन पर सदस्यों ने विरोध किया। सदस्यों का कहना था कि शहर इतना बड़ा नहीं है कि इतना बड़ा निर्णय लिया जाए। सदस्यों ने कहा कि दिल्ली धनाढ्य लोगों की राजधानी है, वहां लोग दो-दो वाहन रखते हैं लेकिन इस शहर में ऐसी स्थितियां नहीं हैं।

बैठक शुरू होते ही कलेक्टर ने आरडीसी प्रभारी के न होने पर नाराजगी जताई। नाराज कलेक्टर ने आरडीसी प्रभारी राकेश जैन की जगह मैनेजर धनसिंह मौरे को बैठक से निकाल दिया और कहा कि 10 मिनट में तुम्हारे प्रभारी को यहां बुलाओ।

मौरे बाहर जाकर अपने प्रभारी को फोन लगाते रहे। इधर बीएसएनएल को १० फरवरी तक डेड पोल को हटाने के निर्देश दिए। ऐसे हैंडपंप जो खराब हो चुके हैं और वे यातायात में बाधक बन रहे हैं उन्हें हटाने के लिए कलेक्टर ने नगर निगम को कहा। बैठक में कलेक्टर संकेत भोंडवे, आरटीओ तेहनगुरिया, डीएसपी एसके उपाध्याय, विधायक मोहन यादव, यूडीए अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल, नगर निगम कमिश्नर आशीष सिंह भी मौजूद थे।

सुबह आरटीओ और कलेक्टर की मीटिंग
सड़क सुरक्षा समिति की बैठक से ठीक एक घंटा पहले आरटीओ मनोज तेहनगुरिया कलेक्टर से मिलने पहुंचे। कलेक्टर संकेत भोंडवे से उन्होंने कई मुद्दों पर बातचीत की और बैठक में यह तय किया गया कि आखिरकार सबसे पहले किन मुद्दों पर पहले चर्चा की जाए। कलेक्टर ने भी उन्हें निर्देश दिया कि पहले उन मुद्दों को उठा लें जिन पर आसानी से सहमति हो सकती है। बाद में विवादित और कड़े फैसले लिये जाने वाले मुद्दे उठाये जाएं।

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