- भस्म आरती: महाकालेश्वर मंदिर में जयकारों के बीच हुई बाबा महाकाल की दिव्य भस्म आरती, राजा स्वरूप में किया गया भगवान का दिव्य श्रृंगार!
- प्रयागराज कुंभ के लिए मुख्यमंत्री को मिला विशेष आमंत्रण! हरिद्वार से आए निरंजनी अखाड़ा प्रमुख ने मुख्यमंत्री यादव से की भेंट, उज्जैन में साधु-संतों के लिए भूमि आवंटन निर्णय को स्वामी कैलाशानंद ने बताया प्रशंसनीय
- भस्म आरती: मस्तक पर भांग-चंदन और रजत मुकुट के साथ सजे बाबा महाकाल, भक्तों ने किए अद्भुत दर्शन
- महाकाल के दर पर पहुंचे बी प्राक, भस्म आरती में शामिल होकर लिया आशीर्वाद; करीब दो घंटे तक भगवान महाकाल की भक्ति में दिखे लीन, मंगलनाथ मंदिर में भी की पूजा
- भस्म आरती: बाबा महाकाल के दिव्य श्रृंगार और भस्म आरती के साथ गूंजा "जय श्री महाकाल"
सेना के पूर्वी कमान प्रमुख, DRDO महानिदेशक पहुंचे महाकालेश्वर मंदिर:भस्म आरती में शामिल हुए, नंदी हॉल में बैठकर लिया महाकाल का आशीर्वाद
भारतीय थल सेना की पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता और डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) की महानिदेशक डॉ. चंद्रिका कौशिक ने महाकाल के दर्शन किए। शनिवार को दोनों उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। तड़के होने वाली भस्म आरती में शामिल हुए। नंदी हॉल में बैठकर आशीर्वाद लिया।
भस्म आरती खत्म होने के बाद उन्होंने चांदी द्वार से महाकाल के दर्शन किए। शनिवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गर्वनर शक्तिकांत दास, डिप्टी गवर्नर टी रविशंकर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार के परिवार के साथ महाकाल मंदिर आने की उम्मीद है।
मस्तक पर तिलक और चंदन का त्रिपुंड अर्पित कर महाकाल का श्रृंगार
श्री महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार तड़के भस्म आरती के दौरान तीन बजे मंदिर के कपाट खोले गए। जल से भगवान महाकाल का अभिषेक करने के पश्चात दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया गया। भांग, चंदन, सूखे मेवों और आभूषणों से बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार किया गया।
मस्तक पर तिलक और चंदन का त्रिपुंड अर्पित कर भगवान महाकाल को भस्म चढ़ाई गई। शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुंडमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ सुगंधित पुष्प से बनी माला धारण कराई गई। फल और मिष्ठान का भोग लगाया।
महा निर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। मान्यता है कि भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं।