मार्गशीर्ष माह की पहली सवारी, श्री चंद्रमौलेश्वर भगवान निकले प्रजा का हाल जानने

सार

उज्जैन में महाकाल बाबा की सवारी निकाली गई। इस दौरान हजारों लोग साथ चले। महाकाल बाब की मार्गशीर्ष माह की पहली सवारी थी।

विस्तार

श्री महाकालेश्वर मंदिर से भगवान श्री महाकालेश्वर की मार्गशीर्ष  माह की पहली व कार्तिक- मार्गशीर्ष (अगहन) माह की तीसरी सवारी सोमवार को शाम 4 बजे निकली।

सवारी निकलने के पहले श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर स्थित सभामंडप में मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर के श्री चन्द्रमौलेश्वर स्वरूप का विधिवत पूजन-अर्चन किया गया। इस दौरान श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर संदीप कुमार सोनी, सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी आदि उपस्थित थे। पूजन उपरांत भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर रजत पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर प्रजा का हॉल जानने निकले।

सवारी में आगे तोपची, कडाबीन, पुलिस बैंड, घुड़सवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान नगरवासियों को बाबा के आगमन की सूचना देते चल रहे थे। पालकी को मुख्य द्वार पर सशस्त्र  पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान को सलामी (गॉड ऑफ ऑनर) दी गई। जिसके उपरांत सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर से महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंची। वहां मां क्षिप्रा के जल से भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर जी के अभिषेक व आरती की गई। जिसके उपरांत सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर पहुँची। गोपाल मंदिर पर परम्परागत पूजन उपरांत सवारी पटनी बाजार, गुदरी बाजार, होते हुए पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुची। जहां श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में पुनः पूजन-आरती उपरांत सवारी का विश्राम हुआ।

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