देवशयनी एकादशी पर श्री कृष्ण स्वरूप में सजे बाबा महाकाल, मावे और ड्रायफ्रूट से किया गया श्रृंगार

सार

आज के श्रंगार की विशेषता यह रही कि बाबा महाकाल का मावे और ड्रायफ्रूट से श्रृंगार किया गया। बाबा महाकाल को श्री कृष्ण के स्वरूप में सजाया गया। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को नवीन मुकुट और मुंड माला धारण करवाई गई।

विस्तार

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी और बुधवार के महासंयोग पर आज सुबह 4 बजे भस्म आरती के दौरान वीरभद्र जी से आज्ञा लेकर मंदिर के पट खुले गए। पंडे-पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन किया। भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर, पंचामृत और फलों के रस से किया गया। प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया।

आज के श्रंगार की विशेषता यह रही कि बाबा महाकाल का मावे और ड्रायफ्रूट से श्रृंगार किया गया। बाबा महाकाल को श्री कृष्ण के स्वरूप में सजाया गया। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को नवीन मुकुट और मुंड माला धारण करवाई गई। महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया। जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।

आज के श्रंगार की विशेषता यह रही कि बाबा महाकाल का मावे और ड्रायफ्रूट से श्रृंगार किया गया। बाबा महाकाल को श्री कृष्ण के स्वरूप में सजाया गया। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को नवीन मुकुट और मुंड माला धारण करवाई गई।

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