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66वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह का समापन आज: एक सांस्कृतिक गौरव; उच्च शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार और मंत्री चैतन्य काश्यप होंगे शामिल, 10 कलाकारों को किया जाएगा सम्मानित
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन में हर साल होने वाला अखिल भारतीय कालिदास समारोह एक सात दिवसीय उत्सव है, जिसका आज 18 नवंबर, सोमवार को समापन होने जा रहा है। बता दें, साल 2023 में विधानसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण अखिल भारतीय कालिदास समारोह का आयोजन नहीं हो पाया था। यह पहली बार था जब इस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महोत्सव को स्थगित करना पड़ा। इस प्रतिष्ठित समारोह की अनुपस्थिति ने कला, संस्कृति, और साहित्य प्रेमियों के बीच एक बड़ा खालीपन पैदा कर दिया था। हालांकि, 2024 में आयोजित 66वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह ने इस कमी को पूरा करते हुए महाकवि कालिदास की साहित्यिक और कलात्मक विरासत को एक बार फिर उज्जैन की पवित्र भूमि पर जीवंत किया।
बता दें, इस सात दिवसीय उत्सव का शुभारंभ उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ ने 12 नवंबर को किया था, जिसका आज समापन होने जा रहा है। इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम के समापन समारोह में राष्ट्रीय कालिदास चित्र एवं मूर्तिकला प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा। इस बार प्रतियोगिता का विषय महाकवि कालिदास के प्रसिद्ध महाकाव्य “रघुवंशम” पर आधारित था। समारोह के दौरान, राज्य के 8 चित्रकार और 2 मूर्तिकार, यानी कि कुल 10 कलाकारों को उनकी उत्कृष्ट कलाकृतियों के लिए सम्मानित किया जाएगा।
वहीं, समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा, आयुष, तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार और सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य काश्यप उपस्थित रहेंगे। पहले समापन अवसर पर संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग के मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी का आना तय था, लेकिन उनकी व्यस्तता के कारण वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे। जिसके बाद आखिरी समय पर अतिथियों की सूची में बदलाव किया गया है।
वहीं, अंतिम दिन, महाकवि कालिदास की साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत को श्रद्धांजलि देने के इस भव्य आयोजन ने उज्जैन को एक बार फिर भारत की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में प्रस्तुत किया है।