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महाकाल के साथ अब मंगलनाथ मंदिर में भी उमड़ रहा भक्तों का दान, 2024 में 4.5 करोड़ का आंकड़ा पार!
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन, एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है, जहां हर साल लाखों लोग महाकाल मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं। लेकिन महाकाल के अलावा, यहां के अन्य मंदिर भी श्रद्धालुओं के बीच काफी प्रसिद्ध हैं। इनमें से एक खास मंदिर है मंगल-नाथ, जो शिप्रा नदी के किनारे स्थित है। यह मंदिर महादेव को समर्पित है और मत्स्य पुराण के अनुसार इसे मंगल ग्रह का जन्मस्थान माना जाता है। शिप्रा के तट पर स्थित होने के कारण, यह मंदिर शहर के सबसे सक्रिय मंदिरों में से एक है, जहां प्रतिदिन सैकड़ों भक्त आते हैं। यह मंदिर धार्मिक महत्व के साथ-साथ दान के लिए भी जाना जाता है, जहां हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु दान करते हैं।
साल 2024 की बात की जाए तो एक जनवरी 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक मंदिर को चार करोड़ पचास लाख रुपए से अधिक की दान राशि प्राप्त हुई है, जो इसकी बढ़ती लोकप्रियता और श्रद्धालुओं की आस्था को दर्शाता है। यह राशि मंदिर को भात पूजा, अन्य पूजन, भेंट पेटी और QR कोड के माध्यम से प्राप्त हुई है।
असल में, जिन लोगों की जन्म पत्रिका में मंगल ग्रह से जुड़ा कोई दोष होता है, वे इस मंदिर में आते हैं और भगवान मंगलनाथ की पूजा करते हैं। यहां तक कि देश-विदेश से भी बहुत सारे भक्त भगवान मंगलनाथ की पूजा करने आते हैं। यहां भात पूजा, कालसर्प योग का निवारण, अंगारक दोष, अर्क विवाह और कुंभ विवाह जैसे खास पूजन आयोजित होते हैं। ऐसे यहां की विशिष्ट पूजा विधियों के कारण श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आते हैं और दिल खोलकर मंदिर में दान भी करते हैं।