उज्जैन में औद्योगिक क्रांति: 1127 करोड़ की 26 परियोजनाओं का शुभारंभ, 5046 युवाओं को मिलेगा रोजगार; मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया शुभारंभ, बोले- उज्जैन, इंदौर, देवास सहित छह शहरों को मिलेगा मेट्रोपॉलिटन हब का दर्जा

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
सम्राट विक्रमादित्य की गौरवशाली नगरी उज्जैन में औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को 1127.24 करोड़ रुपए के निवेश से 26 औद्योगिक परियोजनाओं का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इस ऐतिहासिक पहल से प्रदेश को 5046 से अधिक युवाओं को रोजगार देने का अवसर मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज के मैदान में आयोजित विक्रम व्यापार मेले में यह घोषणा की, जहां उन्होंने व्यापार और उद्योग के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए संकल्पबद्ध है। प्रदेश में निवेश आकर्षित करने और व्यापार को सशक्त करने के लिए उज्जैन, इंदौर, देवास, धार और शाजापुर को मिलाकर एक नया मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा, भोपाल, नर्मदापुरम, रायसेन, विदिशा, जबलपुर और ग्वालियर को भी औद्योगिक और वाणिज्यिक केंद्रों के रूप में विकसित करने की योजना बनाई जा रही है।
प्रदेश में औद्योगीकरण को गति देने के लिए कई महत्वपूर्ण औद्योगिक इकाइयों की आधारशिला रखी गई और नए उद्योगों का लोकार्पण किया गया, जिनमें से प्रमुख हैं:
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मेसर्स इस्कॉन बालाजी: 122 करोड़ की लागत से निर्मित इस इकाई में प्रतिदिन 400 टन आलू से फ्लेक्स बनाए जाएंगे, जिससे मालवा क्षेत्र के हजारों किसानों को लाभ मिलेगा।
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मेसर्स रेलसस प्राइवेट लिमिटेड: 97 करोड़ की लागत से निर्मित यह इकाई चना, मटर, मूंग और रेपसीड ऑयल केक से प्लांट बेस्ड प्रोटीन का निर्माण करेगी और 120 से अधिक स्थानीय युवाओं को रोजगार देगी।
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मेसर्स ए एम वुड टॉयज प्राइवेट लिमिटेड: 26 करोड़ के निवेश से खिलौना निर्माण की नई इकाई स्थापित की गई, जिससे 100 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
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मेसर्स श्रीपति मॉलिक्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड: 50 करोड़ की लागत से दवाओं और विशेष रसायनों के उत्पादन के लिए नई इकाई स्थापित की गई, जिससे उज्जैन के युवाओं को अत्याधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण मिलेगा।
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मेसर्स कैंडीटॉय कॉर्पोरेट प्राइवेट लिमिटेड: 30 करोड़ की लागत से नवीन खिलौना निर्माण इकाई स्थापित की गई, जिससे 100 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
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मेसर्स सिग्निफाई आरबीटी कॉन्सेप्शन प्राइवेट लिमिटेड: 100 करोड़ रुपये के निवेश से आधुनिक तकनीक से लकड़ी तैयार करने की इकाई स्थापित की गई, जिससे 250 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
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मेसर्स अलीशा फूड्स प्राइवेट लिमिटेड: 25 करोड़ की लागत से खाद्य उत्पादन इकाई स्थापित की गई, जिससे 500 से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त होगा।
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मेसर्स बंसी सर्जिकल सॉल्यूशन: 1.47 करोड़ के निवेश से स्थापित यह इकाई चिकित्सा उपकरणों के निर्माण में मदद करेगी और 27 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करेगी।
इसके अतिरिक्त, ताजपुर औद्योगिक क्षेत्र में 11 करोड़ रुपए के निवेश से 10 औद्योगिक इकाइयां स्थापित की गई हैं। मेडिकल डिवाइस पार्क में 10 करोड़ 17 लाख रुपए के निवेश से 3 औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की गई, जिससे लगभग 190 लोगों को रोजगार मिलेगा।
ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2025: औद्योगिक विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह भी बताया कि भोपाल में 24-25 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2025 का सफल आयोजन किया गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 18 नई औद्योगिक नीतियों की घोषणा की गई। इस समिट में 70 से अधिक प्रमुख उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन मीटिंग हुई और 26.61 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिससे 17 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
समिट के बाद, मात्र एक माह के भीतर 19 नई औद्योगिक इकाइयों को 315 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई, जिससे प्रदेश को अब तक 9168 करोड़ रुपए का वास्तविक निवेश प्राप्त हो चुका है और 13000 से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गर्व की बात है कि मध्यप्रदेश अब औद्योगिक दृष्टि से अग्रणी राज्य के रूप में पहचाना जा रहा है। प्रदेश में युवाओं, किसानों और महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि चंबल क्षेत्र, जो कभी हिंसा के लिए कुख्यात था, अब औद्योगिक गतिविधियों से गूंज रहा है।
विक्रमोत्सव 2025 और सिंहस्थ 2028: उज्जैन को वैश्विक धार्मिक पर्यटन स्थल बनाने की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह भी घोषणा की कि विक्रमोत्सव 2025 का आयोजन किया जाएगा, जिससे उज्जैन को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ 2028 महापर्व का आयोजन भी भव्य रूप से किया जाएगा, जिससे न केवल आध्यात्मिक चेतना को बल मिलेगा, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। सिंहस्थ के लिए 2,000 करोड़ रुपए से अधिक के बजट प्रावधान किए गए हैं, जिससे आधारभूत संरचनाओं का विकास किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विकसित “श्री महाकाल महालोक” के कारण उज्जैन में धार्मिक पर्यटन में भारी वृद्धि हुई है। 2022 से अब तक 60 करोड़ से अधिक श्रद्धालु उज्जैन आ चुके हैं, जिससे होटल व्यवसाय और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भारी बढ़ावा मिला है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर, समृद्ध और विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उद्योगपतियों ने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने की दिशा में सरकार का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को औद्योगिक और नवाचार केंद्र बनाने के लिए विदेशी निवेशकों से भी चर्चा की गई है और निवेश के नए अवसर सृजित किए जा रहे हैं।
बता दें, कार्यक्रम के दौरान एचडीएफसी बैंक द्वारा 1 करोड़ रुपए की CSR राशि से 20 सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस स्थापित करने का आशय पत्र प्रस्तुत किया गया। इसी तरह, लिउगोंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सिंहस्थ 2028 और मां क्षिप्रा की सेवा के लिए 95 लाख रुपए की Liu Gong एक्सकेवेटर मशीन मुख्यमंत्री को भेंट की गई।