- नंदी हाल से गर्भगृह तक गूंजे मंत्र—महाकाल के अभिषेक, भस्मारती और श्रृंगार के पावन क्षणों को देखने उमड़े श्रद्धालु
- महाकाल की भस्म आरती में दिखी जुबिन नौटियाल की गहन भक्ति: तड़के 4 बजे किए दर्शन, इंडिया टूर से पहले लिया आशीर्वाद
- उज्जैन SP का तड़के औचक एक्शन: नीलगंगा थाने में हड़कंप, ड्यूटी से गायब मिले 14 पुलिसकर्मी—एक दिन का वेतन काटने के आदेश
- सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का संदेश, उज्जैन में निकला भव्य एकता मार्च
- सोयाबीन बेचकर पैसा जमा कराने आए थे… बैंक के अंदर ही हो गई लाखों की चोरी; दो महिलाओं ने शॉल की आड़ में की चोरी… मिनट भर में 1 लाख गायब!
महाकाल परिसर में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संत समाज संग किया वृहद पौधारोपणम, भारतीय ज्ञान परंपरा और पर्यावरण संरक्षण पर दिया ज़ोर; CM ने अपील कर कहा – हर व्यक्ति वर्ष में कुछ पेड़ ज़रूर लगाए!
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन में शनिवार को एक विशेष अवसर पर अध्यात्म और पर्यावरण संरक्षण का अद्भुत संगम देखने को मिला। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने महाकालेश्वर मंदिर परिसर में महामंडलेश्वर श्री उत्तम स्वामी जी महाराज के साथ अमलतास का पौधा लगाकर वृहद पौधारोपण अभियान की विधिवत शुरुआत की। इस मौके पर मंत्रोच्चारण और दीप प्रज्ज्वलन के बीच पौधारोपण की यह रस्म बेहद धार्मिक और सांस्कृतिक वातावरण में संपन्न हुई।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने महामंडलेश्वर श्री उत्तम स्वामी जी और महाकालेश्वर मंदिर के महंत श्री विनीत गिरी जी महाराज का महाकाल शाल एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर आत्मीय स्वागत किया। वहीं जिला प्रशासन और महाकालेश्वर प्रबंध समिति की ओर से कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ यादव, प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल और अन्य विशिष्ट अतिथियों का औपचारिक अभिनंदन किया।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा और वैदिक साहित्य हमें यह सिखाते हैं कि पेड़-पौधों में भी जीवन होता है। यही वजह है कि हमारी भारतीय संस्कृति में वृक्षों की पूजा की जाती है और उन्हें परिवार का ही एक हिस्सा मानकर संरक्षित किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह प्रकृति आधारित जीवनशैली हमें हमारे जन्म के साथ ही सिखा दी जाती है, और इसी में हमारी भारतीय सभ्यता की जड़ें गहराई से समाई हुई हैं।
मुख्यमंत्री ने भारतीय वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस के उस ऐतिहासिक प्रसंग का भी उल्लेख किया जब उन्होंने विदेशों में जाकर वैज्ञानिक आधार पर यह सिद्ध किया कि पेड़ों में भी जीवन होता है। डॉ यादव ने कहा कि जब जगदीश चंद्र बोस ने अपने शोध से यह साबित किया, तो वहां के लोग उन्हें कंधों पर उठा कर सम्मानित करने लगे। लेकिन बोस ने बड़ी सहजता से कहा कि “हम भारतीय तो यह पहले से ही जानते हैं, हमें तो बस आपको यह बताना था कि पेड़-पौधे भी जीवित हैं, और हमारे परंपरागत ज्ञान का यह अभिन्न अंग है।”
डॉ मोहन यादव ने आमजन से अपील की कि हर व्यक्ति को वर्ष में कम से कम कुछ पेड़ अवश्य लगाने चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हम वर्षा ऋतु में सिर्फ पांच पेड़ भी लगाते हैं तो यह प्रकृति को उसके आशीर्वाद का एक छोटा-सा उपहार होगा। उन्होंने इसे भारतीय जीवन मूल्यों के प्रति एक नैतिक कर्तव्य भी बताया।
महाकाल परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी जी, महाकालेश्वर मंदिर के महंत विनीत गिरी जी महाराज, प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक सतीश मालवीय, अनिल जैन कालूखेड़ा, संजय अग्रवाल, संत उम्मेद नाथ जी महाराज सहित संत समाज और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने संत समाज के साथ मिलकर महाकाल मंदिर परिसर में वृहद पौधारोपण का संकल्प दोहराया और सभी को इस अभियान में जुड़ने के लिए प्रेरित किया।