स्पिरिचुअल टूरिज्म हब बनेगा उज्जैन: CM मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री शेखावत ने मिलकर रखी विकास कार्यों की नींव, उज्जैन में हुआ 52.69 करोड़ की योजनाओं का भूमि पूजन!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

महाकाल की नगरी उज्जैन मंगलवार को ऐतिहासिक क्षणों की साक्षी बनी, जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शहर को करोड़ों की सौगातें दीं। उज्जैन प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री न केवल विकास कार्यों की आधारशिला रखने पहुंचे बल्कि उन्होंने उज्जैन की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को “वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र” के रूप में स्थापित करने का विजन भी साझा किया।

52 करोड़ 69 लाख की योजनाओं का भूमि पूजन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव और केंद्रीय मंत्री शेखावत ने राष्ट्र वीर दुर्गादास राठौर की छत्री के संरक्षण एवं संवर्धन कार्यों का भूमि पूजन किया। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 52 करोड़ 69 लाख रुपए है।
इन कार्यों में प्रतिमा स्थापना, पैदल पुल, गार्डन, एक्टिविटी ज़ोन, रिटेनिंग वॉल, ओपन एयर थिएटर, हॉर्स ट्रैकिंग, पार्किंग और संग्रहालय का निर्माण शामिल है।

कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, सांसद उमेश नाथ महाराज, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर मुकेश टटवाल समेत जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे।

ग्लोबल स्पिरिचुअल टूरिज्म कॉन्क्लेव ‘रूहMantic’ का शुभारंभ

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री शेखावत ने उज्जैन के होटल अंजुश्री में दूसरे ग्लोबल स्पिरिचुअल टूरिज्म कॉन्क्लेव “रूहMantic” का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया।
इस मंच पर देश-विदेश से आए पर्यटन विशेषज्ञों, धार्मिक ट्रस्टों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “उज्जैन देश की आत्मा है। यहां की धार्मिक और आध्यात्मिक ऊर्जा ही इसे दुनिया का सबसे बड़ा स्पिरिचुअल डेस्टिनेशन बना रही है। महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद उज्जैन की पहचान और आस्था का स्वरूप बदल चुका है। अब यहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु हर माह आ रहे हैं।”

सीएम डॉ. यादव ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि उज्जैन केवल मंदिरों का शहर नहीं है, बल्कि यह आधुनिक विकास और सांस्कृतिक धरोहर का संगम बन रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आध्यात्मिक पर्यटन को नई दिशा दे रहा है।

उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि “भारत का पुराना संसद भवन मुरैना के मंदिर से प्रेरित है, जबकि नया संसद भवन विदिशा के बीजापुर मंदिर के डिजाइन पर आधारित है। यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि हमारी प्राचीन धरोहरें आज लोकतंत्र का आधार बन रही हैं।”

केंद्रीय मंत्री शेखावत का वक्तव्य

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि उज्जैन की आध्यात्मिक धरोहर केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की सांस्कृतिक धारा को समृद्ध कर रही है। उन्होंने बताया कि “आज भारत वैश्विक स्तर पर सांस्कृतिक पुनर्जागरण से गुजर रहा है। घरेलू पर्यटन तेजी से बढ़ रहा है और भारत बहुत जल्द विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है।”

सिंहस्थ 2028 की तैयारियां

कार्यक्रम में यह भी स्पष्ट हुआ कि सिंहस्थ 2028 को भव्य और दिव्य बनाने की दिशा में कार्य तेजी से हो रहे हैं। नए ब्रिज, रोड, घाट और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से उज्जैन आने वाले पर्यटकों को वर्ल्ड-क्लास सुविधाएं मिलेंगी।

उज्जैन प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री का लोकल कनेक्ट भी सामने आया। ढाबा रोड स्थित प्रसिद्ध श्री सांवरिया कचौरी भंडार पर उन्होंने कारकेड रुकवाया और स्थानीय स्वाद का आनंद लिया। इस दौरान उन्होंने व्यापारी से बातचीत करते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप हमें लोकल उत्पादों और व्यवसाय को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो।”

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