अब रेंट कंट्रोलर तय करेंगे किराए की राशि

उज्जैन :- शहर के जिन पांच मंदिरों पर कमिश्नर का नियंत्रण हैं, उनमें 200-300 रुपए किराया देकर रह रहे परिवारों को अब ज्यादा किराया देना पड़ेगा। किराया रेंट कंट्रोलर (एसडीएम) तय करेंगे। माफी शाखा में ऐसे दर्जनों बस्ते रखे हैं जो मोड़ी भाषा (महाराष्ट्र) में हैं। इन्हें कोई पढ़ नहीं पा रहा है तो इसके लिए किसी एक्सपर्ट को तलाश कर हिंदी अनुवाद करा लिया जाए। यह निर्णय 16 जिलों के 52 हजार मंदिरों के रख रखाव पर औकाफ बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की शुक्रवार को उज्जैन में हुई बैठक में लिया गया। सात महीने बाद हुई इस बैठक में अध्यक्ष के रूप में कमिश्नर एसएन रूपला, सदस्य एमबी ओझा (आयुक्त उज्जैन) के अलावा माफी शाखा के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए। शहर के पांच मंदिर राम जानकी नारंगी बाई मंदिर माधौगंज, राम मंदिर बाग निंबाजी की खो, कन्हैया महाराज की समाधि निम्बाजी की खो, खाण्डेराव का मंदिर लोहामंडी, पंढरीनाथ मंदिर जामदार खाना की देखरेख कमिश्नर श्री रूपला करते हैं। इन सभी मंदिरों में 46 किराएदार रहते हैं जो किराए के रूप में बहुत कम पैसा दे रहे हैं। ट्रस्टीज की बैठक में तय हुआ कि किराए की राशि बढ़ाने के लिए इनके प्रकरण संबंधित क्षेत्र के एसडीएम जो रेंट कंट्रोलर भी होते हैं के यहां पर दर्ज किए जाएं। इसके अलावा पांच मंदिरों को रामनवमी पर डेढ़ हजार, जन्माष्टमी व शिवरात्रि पर 300-300, डोल ग्यारस, दीपावली व दशहरा पर 100-100 रुपए दिए जाते थे। पुजारियों ने पैसा बढ़ाने की मांग की थी। बैठक में उक्त राशि क्रमश तीन हजार, एक हजार व 500-500 रुपए कर दी गई है।

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