तकनीकी अमला घटा, मंत्री से मांगे 18 इंजीनियर

उज्जैन | नगर निगम में पिछले पखवाड़े हुए पांच इंजीनियर्स के तबादलों के बाद तकनीकी अमला घट गया है। निगम को स्मार्ट सिटी, अमृत मिशन, पीएम आवास सहित निगम की योजनाओं के लिए मात्र 25 इंजीनियर्स से काम चलाना पड़ रहा है, जबकि जरूरत 45 की है। गुरुवार को नगरीय विकास मंत्री मायासिंह जब देव-दर्शन के लिए शहर आईं तो महापौर मीना जोनवाल ने उन्हें पत्र देकर 18 इंजीनियर्स निगम को देने का आग्रह किया। इनमें चार कार्यपालन यंत्री, चार सहायक यंत्री और 10 उपयंत्री मांगे हैं। मंत्री सिंह ने आश्वस्त किया कि वे इसके लिए भोपाल में अधिकारियों से चर्चा कर रिक्त पदों की पूर्ति कराएंगी।

मंत्री सिंह सुबह 10.30 बजे सर्किट हाउस पहुंची। महापौर के साथ निगम आयुक्त डॉ. विजय कुमार जे, एमआईसी सदस्य कलावती यादव, सत्यनारायण चौहान, राधेश्याम वर्मा, गीता चौधरी, नीलू रानी खत्री, करुणा जैन, मांगीलाल कड़ेल ने उनका स्वागत किया। महापौर ने तकनीकी अमले की मांग का पत्र सौंपा। इंजीनियर्स के साथ जनसंपर्क अधिकारी की नियुक्ति करने का भी अाग्रह किया। मंत्री सिंह ने महाकालेश्वर, हरसिद्धि, कालभैरव, अंगारेश्वर मंदिर में दर्शन पूजन किया। इसके बाद वे दोपहर एक बजे भोपाल रवाना हो गईं। मंत्री सिंह ने सर्किट हाउस पर मीडिया से चर्चा में कहा निगम के भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। उन्हें जब बताया लोकायुक्त और अन्य जांच में घेरे में आए अधिकारियों ने तबादला होने पर स्टे ले लिया है तथा निगम में जमे हैं। मंत्री ने कहा जानकारी लेकर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। निगम में तकनीकी अमले की कमी भी पूरी करेंगे। उन्होंने बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम पर कहा नीतिश कुमार हमारे पुराने साथी हैं। उन्हें मैं बधाई देती हूं। अब बिहार का विकास तेजी से होगा।

कांग्रेस पार्षदों ने दिया ज्ञापन बोले- निगम में काम ठप

इधर कांग्रेस पार्षद दल व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र वशिष्ठ ने मंत्री सिंह से सर्किट हाउस पर भेंट कर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा निगम में अमृत मिशन के नाम पर सारे काम ठप कर दिए हैं। निगम ने सड़क, नाली गटर, उद्यान, सामुदायिक भवन जैसे जनहितैषी कामों की मंजूरी देना बंद कर दी है। अधिकारी कह रहे हैं सीवरेज प्लान लागू होने पर पूरा शहर खुदेगा, इसलिए निर्माण कार्य रोके हैं। स्थिति यह है कि सांसद तक ने सीवरेज प्लान पर आपत्ति ली है। प्लान गलत बनाया है। प्लान की पार्षदों को भी कोई जानकारी नहीं दी है। इससे पार्षद भी योजना से अनजान ही हैं। इसके टेंडर भी निकाल दिए हैं। वशिष्ठ के अनुसार मंत्री को निगम में चल रही अव्यवस्थाओं की जानकारी भी दी गई। पेयजल संकट की स्थिति से भी मंत्री को अवगत कराया।

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