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शिवलिंग पर चढ़ने वाले जल की जांच; कोटितीर्थ कुंड, गर्भगृह व रुद्रसागर से लिए सेंपल
उज्जैन | महाकाल शिवलिंग पर चढ़ रहे जल की जांच के लिए सोमवार को जियोलॉजिकल सर्वे आॅफ इंडिया (जीएसआई) व पुरातत्व विभाग भोपाल के जल विशेषज्ञों की टीम ने मंदिर के कोटितीर्थ कुंड, गर्भगृह के अंदर चढ़ाए जा रहे जल व बाहर रुद्रसागर के जल के सेंपल लिए।
शिवलिंग क्षरण की जांच का दूसरा चरण है। सुप्रीम कोर्ट ने क्षरण काे लेकर दायर याचिका की सुनवाई के दौरान जीएसआई व पुरातत्व विभाग के विशेषज्ञों की चार सदस्यीय टीम गठित कर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है। इसके पहले गुरुवार को चारों सदस्य महाकाल शिवलिंग का नाप व प्रतिमा के छिद्रों में जमने वाले दूध-दही आदि सामग्री के सेंपल ले जा चुके हैं। जल परीक्षण टीम में 8 से 10 लोग शामिल थे, जो भस्मारती खत्म होते ही सुबह 6 बजे मंदिर में जल के सेंपल लेने पहुंच गए थे। इसके बाद सुबह की भोग आरती में भी सेंपल लिए। शाम को संध्या पूजा से पहले फिर से गर्भगृह में जाकर शिवलिंग पर चढ़ रहे जल के पंडे-पुजारियों से सेंपल लिए।
टीम के एक सदस्य बाबूलाल ने बताया उन्हें जानकारी देने की अनुमति नहीं है लेकिन इतना कहा कि मंदिर में अलग-अलग समय में चढ़े जल के अलावा कुंड व रुद्रसागर के जल के सेंपल लिए हैं। इसकी लैब में जांच कर रिपोर्ट समिति को देंगे। टीम ने मंदिर के अंदर, बाहर माधव सेवा न्यास व महाराजवाड़ा तरफ जाकर भी कुछ स्थानों के फोटो लिए हैं। गौरतलब है कि क्षरण को लेकर उज्जयिनी विद्वत परिषद भी भांग के शृंगार पर टिप्पणी कर चुकी है, जिसका पंडे पुजारी विरोध कर रहे हैं।