विवि की गलतियों से विद्यार्थी परेशान…फिर परीक्षा का संकट

उज्जैन. 152 के अलावा अन्य पूर्व विद्यार्थियों को नई अधिसूचना में छोड़ा, प्रथम सेमेस्टर के पूर्व विद्यार्थियों की वार्षिक पद्धति से होनी है परीक्षा, १५२ विद्यार्थियों की गलत परीक्षा ली…विक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन परीक्षा संबंधी अधिसूचना तैयार नहीं कर पा रहा है। विवि अधिकारियों की गलती के चलते 152 विद्यार्थियों की गलत परीक्षा हो गई। अब विद्यार्थियों की दोबारा परीक्षा करवाने के लिए जो अधिसूचना जारी हुई। उसमें भी बड़ी गलती कर दी। इस अधिसूचना में सिर्फ उन १५२ विद्यार्थियों को ही परीक्षा फॉर्म भरने की पात्रता दी गई है, जो गलत परीक्षा दे चुके हैं। अब सवाल यह है कि 152 विद्यार्थियों के अलावा भी जो पूर्व विद्यार्थी हैं, उन्होंने सेमेस्टर परीक्षा का फॉर्म नहीं भरा, अब वे कैसे परीक्षा देंगे।

अधिसूचना में गलती
विवि प्रशासन ने प्रथम वर्ष के नव प्रवेशित विद्यार्थियों के लिए परीक्षा फॉर्म भरने की अधिसूचना जारी की। पूर्व विद्यार्थियों के लिए अलग से अधिसूचना जारी करने के बात कही, लेकिन जो अधिसूचना जारी हुई उसमे गलत परीक्षा में शामिल होने वालों के नाम शामिल हैं। इस अधिसूचना के साथ विद्यार्थियों की लिस्ट भी है, जबकि अधिसूचना सभी पूर्व विद्यार्थियों के लिए जारी होनी थी। इससे सेमेस्टर पद्धति से हुई परीक्षा की अधिसूचना में एटीकेटी लिखना था, लेकिन यहां पर पूर्व एटीकेटी लिख दिया। दो साल में ऐसी कई गड़बड़ी का आंकड़ा बहुत बड़ा है।

क्या है मामला
प्रदेश सहित विक्रम विश्वविद्यालय सत्र 2017-18 से स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में वार्षिक पद्धति से परीक्षा आयोजित होनी है। इस परीक्षा में सत्र 2016-17 के पूर्व विद्यार्थी (प्रथम सेमेस्टर में फेल) को भी शामिल किया जाना है, लेकिन विवि के अधिकारियों ने पूर्व विद्यार्थियों को प्रथम वर्ष की सेमेस्टर परीक्षा में शामिल कर दिया। इस गलती के चलते 152 की गलत परीक्षा हो गई। इसके बाद विवि ने इन विद्यार्थियों को वार्षिक पद्धति में शामिल होने और फीस का समायोजन की बात कही, लेकिन विवि प्रशासन ने एेसे अन्य कई पूर्व विद्यार्थियों को छोड़ दिया, जिन्होंने गलत परीक्षा में हिस्सा नहीं लिया है।

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