मुआवजा तो नहीं दे सकते….कानून व्यवस्था बिगड़ी, तो प्रशासन करेगा नियंत्रित

उज्जैन | नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के आयुक्त विवेक अग्रवाल ने यह साफ कर दिया है कि किसी भी सूरत में मार्ग चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिगृहित करने अथवा भवन तोड़ने पर अब मुआवजा नहीं दिया जा सकता। अगर इसके खिलाफ कोई कानून व्यवस्था बिगाड़ता है तो कलेक्टर-एसपी को पूरे अधिकार हैं कि वे इसे नियंत्रित करें।

दरअसल हाल में ही केडी गेट से ईमली तिराहे तक प्रस्तावित मार्ग चौड़ीकरण के लिए प्रभावित भवन मालिकों को मुआवजा देने की मांग कांग्रेस की क्षेत्रीय पार्षद सपना सांखला ने उठाई थी। उन्होंने चौड़ीकरण प्रभावित 458 परिवार के लोगों संग रैली निकाल धरना दिया था। भाजपा सरकार पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया था। कहा था कि आगर रोड, कमरी मार्ग चौड़ीकरण प्रभावितों को मुआवजा दिया गया है तो केड़ीगेट से ईमली तिराहे तक चौड़ीकरण प्रभावितों को क्यों नहीं। उन्होंने इस सिलसिले में मंगलवार को नगर निगम आयुक्त डॉ. विजयकुमार जे. से मुलाकात की बात कही थी। मुआवजा दिया जा सकता है या नहीं, इस पर महकमे के आयुक्त विवेक अग्रवाल ने नईदुनिया से चर्चा में साफ तौर पर कहा है कि चौड़ीकरण के किसी भी प्रकरण में मुआवजा तो नहीं दे सकते। भवन मालिकों को अतिरिक्त फ्लोर निर्माण की अनुमति ही दी जा सकती है।

मंत्री को भी कर दिया था स्पष्ट मना

सूत्र बताते हैं कि केडी गेट से ईमली तिराहे तक मार्ग चौड़ीकरण के लिए प्रभावित मकानों पर निशान लगाने से पहले स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने अफसरों संग एक गोपनीय मीटिंग सर्किट हाउस पर की थी। क्षेत्रीय विधायक एवं प्रदेश के ऊर्जा मंत्री पारस जैन ने तमाम पहलुओं पर चर्चा करने के बाद नगरीय प्रशासन आयुक्त विवेक अग्रवाल से मोबाइल पर बात की थी, तब भी उन्होंने साफ कह दिया था कि मुआवजा तो नहीं दे सकते।

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