उज्जैन के रविदास घाट पर बड़ा हादसा टला, होमगार्ड ने दिखाई बहादुरी; शिप्रा नदी में डूब रहीं दो बहनों की जान बचाई!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन में सोमवार सुबह एक साहसिक बचाव अभियान चर्चा का विषय बन गया, जब शिप्रा नदी के रविदास घाट पर स्नान करते समय दो श्रद्धालु महिलाएं डूबने लगीं। आंध्र प्रदेश से दर्शन के लिए आईं लक्ष्मी कुमारी सुबह 7:45 बजे घाट पर स्नान कर रही थीं, तभी संतुलन बिगड़ने से वह गहरे पानी में चली गईं। उन्हें बचाने के लिए साथ आईं उनकी बहन भी घबराहट में उसी गहराई में उतर गईं और खुद भी डूबने लगीं।

घटना की गंभीरता को समझते हुए घाट पर तैनात होमगार्ड जवान सुनील सिंह राजपूत ने बिना समय गंवाए तत्काल नदी में छलांग लगा दी और दोनों बहनों को सुरक्षित बाहर निकाला। मौके पर मौजूद रामघाट चौकी के शिफ्ट प्रभारी जितेंद्र गौड़ ने पुष्टि की कि दोनों श्रद्धालु महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं और उन्हें प्राथमिक उपचार देने के बाद रवाना कर दिया गया।

यह पहला मौका नहीं था जब घाट पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा हो। रविवार शाम को भी इंदौर से उज्जैन दर्शन करने आए तीन युवकों में से एक, योगेश दत्त, अखाड़ा घाट पर नहाते समय फिसल कर गहरे पानी में चला गया था। उसे एसडीईआरएफ के जवान रूप सिंह भाटी ने समय रहते बचा लिया।

प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए घाटों पर लगातार तीन शिफ्टों में होमगार्ड और एसडीईआरएफ जवानों की तैनाती की जाती है। अधिकारियों का कहना है कि अक्सर बाहर से आने वाले श्रद्धालु शिप्रा नदी की गहराई और बहाव की जानकारी नहीं रखते, जिसकी वजह से वे अनजाने में जोखिम वाले हिस्सों में उतर जाते हैं। कई जगहों पर शिलाओं की फिसलन और पानी की तेज धारा के कारण इस तरह की घटनाएं होती हैं।

स्थानीय प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे स्नान करते समय सुरक्षा मानकों का पालन करें और चिन्हित सुरक्षित क्षेत्रों में ही स्नान करें। साथ ही, घाटों पर तैनात सुरक्षा कर्मियों के निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है ताकि किसी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।

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