उज्जैन के बेगमबाग में फिर चला बुलडोज़र: कोर्ट से स्टे हटते ही उज्जैन विकास प्राधिकरण की बड़ी कार्रवाई, मुस्लिम बहुल इलाके में 7 मकान जमींदोज़!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन के बेगमबाग क्षेत्र में बुधवार सुबह का नज़ारा अचानक बदल गया, जब लोग नींद से उठे भी नहीं थे और उनके दरवाजे पर बुलडोज़र खड़ा था। सुबह 7 बजे उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) ने नगर निगम और पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर अवैध निर्माणों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की। मुस्लिम बहुल इस इलाके में 7 मकानों को ध्वस्त किया गया, और इस पूरे अभियान के दौरान मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती रही, जिससे क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया।
कार्रवाई इतनी अचानक थी कि कई परिवारों को जागने तक का मौका नहीं मिला। लोग जब बाहर आए तो उन्होंने देखा कि नगर निगम, यूडीए और पुलिस की टीमें भारी मशीनरी और बुलडोजर के साथ उनके घरों को तोड़ने पहुंच चुकी थीं। जिन मकानों को निशाना बनाया गया, उनमें गुलनाज खान (मकान नंबर 20), कनीज खान (मकान नंबर 59), अब्दुल लतीफ (मकान नंबर 59/1), मोहम्मद शायद (मकान नंबर 30), और जुबैदा खान (मकान नंबर 64) शामिल हैं।
यूडीए के सीईओ संदीप सोनी ने स्पष्ट किया कि इन मकानों को पहले कोर्ट से स्टे मिला हुआ था, लेकिन हाल ही में जैसे ही यह स्टे हटा, 7 दिन का नोटिस दिया गया और अब यह विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि यूडीए ने पहले ही इन संपत्तियों की लीज निरस्त कर दी थी, क्योंकि या तो लीज का नवीनीकरण नहीं कराया गया था या फिर वहां अवैध निर्माण किया गया था।
यूडीए की संचालक मंडल की बैठक में लगभग डेढ़ साल पहले 28 संपत्तियों की लीज को निरस्त करने का फैसला लिया गया था। इन सभी में गड़बड़ी पाई गई थी – कहीं लीज बिना नवीनीकरण के आगे बेची गई थी, तो कहीं बिना अनुमति के पक्के निर्माण खड़े कर दिए गए थे। अब इन्हीं में से पहले चरण में 7 मकानों को चिन्हित कर कार्रवाई की गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी बेगमबाग क्षेत्र में यूडीए द्वारा अवैध निर्माणों को लेकर कार्रवाई की गई थी, लेकिन तब कोर्ट से स्टे मिलने के कारण कुछ मकान टूटने से बच गए थे। अब जैसे ही स्टे खत्म हुआ, प्रशासन ने बिना देरी किए दोबारा बुलडोज़र चलवाया।
पूरी कार्रवाई के दौरान नगर निगम, यूडीए और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। किसी भी संभावित अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। हालांकि मौके पर किसी बड़े विरोध या हिंसा की सूचना नहीं मिली, लेकिन स्थानीय लोगों के बीच नाराजगी और तनाव साफ देखने को मिला।