सख्त कार्रवाई से चर्चा में आई बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल, रिश्वत लेने वाले क्लर्क को बनाया चपरासी; पूरे देश में छाई चर्चा

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

इन दिनों बुरहानपुर की कलेक्टर, आईएएस अफसर भव्या मित्तल, देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। दरअसल, हाल ही में एक रिश्वत के मामले में एक क्लर्क को दोषी पाया गया और कलेक्टर ने उसे चपरासी बना दिया, साथ ही चपरासी के पद पर तैनाती भी दे दी। भव्या मित्तल का यह साहसिक कदम पूरे देश में सुर्खियों में आ गया है।

तो कौन हैं आईएएस अफसर भव्या मित्तल?

भव्या मित्तल, 2014 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और पहली बार कलेक्टर बनी हैं। उनका यह कदम उस सख्त प्रशासनिक शख्सियत की झलक है जो भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करतीं। बुरहानपुर में कलेक्टर बनने से पहले, भव्या मित्तल इंदौर नगर निगम की अपर आयुक्त रही हैं और नीमच, धार जैसे जिलों में भी अपनी सेवाएं दे चुकी हैं।

बता दें, बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल बाबू को चपरासी बनाने से पहले भी चर्चा में रही हैं। इससे पहले जिले में एक शराब की दुकान पर पोस्टर लगा था कि दिन में ही इंग्लिश बोलना सीखें। पोस्टर वायरल होने के बाद जिले की फजीहत हो रही थी। इसके बाद कलेक्टर ने दुकानदार पर सख्त कार्रवाई की थी। उस समय भी उनकी खूब चर्चा हुई थी।

दिल्ली में जन्मी भव्या मित्तल ने अपनी पढ़ाई की शुरुआत दिल्ली से ही की थी। उन्होंने आईआईटी दिल्ली से बीटेक किया और फिर सिविल इंजीनियरिंग में एमटेक भी किया। 2013 में यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त कर उन्हें मध्य प्रदेश कैडर मिला। उनके पास प्रशासनिक क्षमता और तकनीकी शिक्षा दोनों का बेहतरीन संयोजन है, जिससे वह अपनी कड़ी कार्यशैली और फैसलों में बेहतरीन साबित हो रही हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अवॉर्ड भी मिल चुका है।

अपनी प्रशासनिक सफलता के चलते, भव्या मित्तल को 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से “जल जीवन मिशन” के तहत काम करने के लिए पुरस्कार भी मिल चुका है।

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