उज्जैन की गर्भवती महिलाओं से साइबर ठगी, डिलीवरी की राशि के नाम पर 21 हजार तक की लूट; 12 से ज्यादा गर्भवती महिलाओं के खातों से उड़ाए लाखों

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन में साइबर ठगों का नया तरीका सामने आया है, जहां एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के नाम पर गर्भवती महिलाओं के साथ ठगी की गई है। इस घटना में 12 से अधिक गर्भवती महिलाओं को ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाया गया, और उनके बैंक खातों से बड़ी रकम निकाल ली गई। यह घटना पिछले कुछ दिनों में घटी, जब साइबर ठगों ने गर्भवती महिलाओं को फ़ोन करके उन्हें धोखे से उनकी बैंक जानकारी प्राप्त कर ली।
दरअसल, कुछ दिन पहले, वार्ड 54 की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ज्योति जायसवाल ने क़रीब एक दर्जन गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार वितरित किया था। नियम के मुताबिक, हर माह गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार चार बार दिया जाता है। इसके लिए एक ऑनलाइन ऐप, FRS का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें गर्भवती महिलाओं की फोटो लेकर जानकारी भरनी होती है। इसके बाद महिलाओं के फोन पर एक OTP आता है, जिसके माध्यम से पोषण आहार का वितरण होता है। लेकिन इस बार साइबर ठगों ने इस पूरी प्रक्रिया का फायदा उठाया और महिलाओं के अकाउंट से पैसे निकाल लिए।
महिलाओं को पोषण आहार की राशि भेजने का झांसा देते हुए, ठगों ने उन्हें फ़ोन किया और बताया कि उनके खातों में डिलीवरी के लिए राशि जमा कर दी गई है, कृपया अकाउंट चेक करें। जब महिलाओं ने लिंक पर क्लिक किया, तो उनके खाते से पैसे चोरी हो गए। कुछ महिलाओं से 4 हजार से लेकर 21 हजार रुपए तक की राशि निकाल ली गई। जैसे ही महिलाओं को एहसास हुआ कि उनका पैसा चोरी हो चुका है, उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम में शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद उन्हें साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत करने के लिए भेज दिया गया।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ज्योति जायसवाल और उनकी अध्यक्ष उम्मीद तोमर के नेतृत्व में महिलाएं पुलिस कंट्रोल रूम पहुंची और अपनी आपबीती सुनाई। ज्योति ने बताया कि, “यह तो एक अजीब और दर्दनाक अनुभव है। इन महिलाओं का भरोसा हमारे ऊपर था, और हम उन्हें पोषण आहार देने का कार्य कर रहे थे, लेकिन इस घटना ने उनकी स्थिति और भी कठिन बना दी।”
इस साइबर ठगी में शामिल ठगों ने महिलाओं से उनके बैंक खाते की जानकारी हासिल करने के बाद उनके खाते से बड़ी राशि निकाल ली। एक महिला दीपा ने बताया कि, “मुझे कॉल आया और कहा गया कि आपके खाते में पोषण आहार की राशि जमा कर दी गई है, कृपया चेक करें। जैसे ही मैंने लिंक पर क्लिक किया, मेरे खाते से 4 हजार रुपए कट गए। जब मैंने इस बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि ‘मैं आपको पासकोड भेज रहा हूं, उसे डालने से पैसे वापस आ जाएंगे।’ जैसे ही मैंने पासकोड डाला, मेरे खाते से 5500 रुपए कट गए।”
अब सभी महिलाएं साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत करने के बाद अपनी राशि की वापसी की उम्मीद कर रही हैं। इस मामले ने एक बार फिर से साइबर ठगी के नए तरीकों को उजागर किया है, जहां ठग महिलाओं को अपने जाल में फंसा कर उनके पैसे निकाल लेते हैं। यह घटना इस बात का भी संकेत देती है कि हमें हमेशा अपने बैंक खातों और व्यक्तिगत जानकारी को बेहद सतर्कता के साथ संभालना चाहिए।