उज्जैन में DRI की बड़ी कार्रवाई: तेंदुए की दो खाल और हाथी दांत जब्त, दो तस्कर गिरफ्तार!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश के उज्जैन में वन्यजीव तस्करी से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) की नागपुर यूनिट ने शनिवार 4 मई 2025 की सुबह गुप्त सूचना के आधार पर की गई एक कार्रवाई में तेंदुए की दो खालें (सिर सहित) और एक हाथी दांत जब्त किया है। इस मामले में दो तस्करों को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया है। यह जब्ती वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत एक महत्वपूर्ण कार्रवाई मानी जा रही है, जिसमें तेंदुआ और हाथी जैसे संरक्षित प्राणी शामिल हैं।

डीआरआई अधिकारियों के अनुसार, यह छापा लंबे समय से चल रही खुफिया निगरानी के बाद मारा गया। प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आरोपी उज्जैन और आसपास के इलाकों में सक्रिय वन्यजीव तस्करी गिरोह से जुड़े हुए हैं। जब्त की गई खालें पूरी तरह सुरक्षित थीं और तेंदुए के सिर भी उनसे जुड़े हुए थे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इनकी तस्करी अंतरराष्ट्रीय बाजार में की जानी थी। वन्यजीव अंगों की अवैध खरीद-फरोख्त में यह माल लाखों रुपये में बिक सकता था।

बता दें, गिरफ्तार दोनों तस्करों से बरामद तेंदुए की खालें और हाथी दांत को डीआरआई ने उज्जैन वन मंडल के सुपुर्द कर दिया है। वन विभाग अब इस मामले की गहन जांच करेगा कि इन खालों की शिकारियों तक पहुंच कैसे हुई, और क्या इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह या अंतरराज्यीय नेटवर्क काम कर रहा है। जांच में यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या इस गिरोह का संबंध अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव तस्करी सिंडिकेट से है।

गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा लागू Wildlife Protection Act 1972 के तहत तेंदुए को Schedule-1 श्रेणी में रखा गया है, जिसमें इसके शिकार, अंगों के व्यापार, संग्रहण और क्रय-विक्रय पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। यही नियम हाथी दांत पर भी लागू होता है। डीआरआई की यह कार्रवाई न केवल वन्यजीव संरक्षण के लिहाज से अहम है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि देश में वन्यजीव अंगों की अवैध तस्करी का नेटवर्क कितना गहराई से फैला हुआ है। डीआरआई की यह कार्रवाई कोई पहली नहीं है। जनवरी 2025 में डीआरआई ने महाराष्ट्र के अकोला में भी इसी तरह की छापेमारी कर तेंदुए की खाल बरामद की थी और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। 

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