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2028 महाकुंभ में हाईटेक सुरक्षा! उज्जैन पुलिस देश में पहली बार VR ट्रेनिंग से 54 हजार कर्मियों को तैयार करेगी, पुलिसकर्मी 3D मैप देख कर सीखेंगे आपातकालीन कंट्रोल और भीड़ प्रबंधन
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
2028 सिंहस्थ महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था को नई तकनीक के साथ और मजबूत बनाने की तैयारी तेज हो गई है। इस बार उज्जैन पुलिस देश में पहली बार वर्चुअल रियलिटी (VR) तकनीक का इस्तेमाल करेगी। इसके तहत करीब 54 हजार पुलिसकर्मी, आर्म्स फोर्स, होमगार्ड और वॉलिंटियर्स को अपने-अपने शहर में बैठकर उज्जैन के गलियों, सड़कों, चौराहों और श्रद्धालुओं के प्रवेश-निकास मार्ग की ट्रेनिंग दी जाएगी।
इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए पुलिस ने पहले चरण में 200 VR सेट मंगवाए हैं। एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि ट्रेनिंग में इस तकनीक का इस्तेमाल एक नए दृष्टिकोण को लेकर किया जा रहा है। पुलिसकर्मी अपने प्रदेश या जिले में ही बैठकर उज्जैन का 3D मैप देख सकेंगे, जिसमें मार्ग, रूट डायवर्जन, भीड़ नियंत्रण, बैरिकेडिंग और आपातकालीन निकासी के सभी पॉइंट शामिल होंगे।
कैसे होगी ट्रेनिंग
पुलिस ने महाकुंभ के लिए उज्जैन के इंदौर रोड से शिप्रा घाट तक का 3D वीडियो तैयार कराया है। इसमें हिंदी और अंग्रेजी में नरेशन होगा, जिससे पुलिसकर्मियों को ऐसा अनुभव होगा कि वे खुद मौके पर खड़े हैं। ट्रेनिंग में यह बताया जाएगा कि किस जगह किस प्रकार की ड्यूटी लगाई जाएगी, किन मार्गों से श्रद्धालु प्रवेश और निकासी करेंगे, और आपात स्थिति में कौन-से रास्ते खोले जाएंगे।
एसपी प्रदीप शर्मा का कहना है कि पहले पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग के लिए बार-बार उज्जैन बुलाया जाता था, जिससे समय और संसाधन दोनों की बर्बादी होती थी और हर पुलिसकर्मी को क्षेत्र की वास्तविक जानकारी नहीं मिल पाती थी। VR तकनीक के जरिए यह कमी पूरी हो जाएगी और हर ड्यूटी पॉइंट की जानकारी आसानी से दी जा सकेगी।
हाईटेक सुरक्षा — AI और फेस रिकग्निशन
2028 महाकुंभ में केवल VR ही नहीं, बल्कि कई नई तकनीकों का इस्तेमाल होगा। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित फेस रिकग्निशन सिस्टम, मोबाइल ऐप ट्रैकिंग और ड्रोन निगरानी शामिल हैं। उज्जैन के चार रेलवे स्टेशनों — नई खेड़ी, पिंगलेश्वर, चिंतामन और विक्रम नगर — को हाईटेक बनाया जाएगा। इन स्टेशनों पर हाई-क्वालिटी CCTV, AI आधारित मॉनिटरिंग, कंट्रोल रूम और भीड़ प्रबंधन तकनीक का इस्तेमाल होगा।
VR ट्रेनिंग का महत्व
महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना होती है। इस दौरान सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण सबसे बड़ी चुनौती होती है। 54 हजार पुलिसकर्मियों को VR ट्रेनिंग से न केवल उनके ड्यूटी पॉइंट का स्पष्ट अनुभव मिलेगा, बल्कि आपातकालीन परिस्थितियों में भी सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
एसपी प्रदीप शर्मा ने कहा, “VR ट्रेनिंग पुलिसकर्मियों को मैदान पर ड्यूटी करने जैसा अनुभव देगी। यह केवल प्रशिक्षण नहीं, बल्कि एक नई सुरक्षा रणनीति है। इससे हमारी तैयारियां और भी मजबूत होंगी।”
भविष्य की योजना
प्रारंभिक चरण में 200 VR सेट से ट्रेनिंग शुरू होगी, लेकिन बाद में संख्या बढ़ाने की योजना है। पुलिस यह तकनीक केवल महाकुंभ तक ही सीमित नहीं रखना चाहती, बल्कि भविष्य में आपातकालीन परिस्थितियों और अन्य बड़े आयोजनों में भी इसका इस्तेमाल करेगी।
इस तरह उज्जैन पुलिस 2028 महाकुंभ को सुरक्षा और टेक्नोलॉजी के मामले में देश का एक नया उदाहरण बनने जा रही है।