उज्जैन में गरजी करणी सेना: हरदा लाठीचार्ज के खिलाफ उग्र प्रदर्शन, तीन मांगों के साथ सरकार को दी चेतावनी!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

हरदा में करणी सेना कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज की घटना ने पूरे प्रदेश में उबाल ला दिया है। इसी के विरोध में शुक्रवार को उज्जैन में करणी सेना और उससे जुड़े राजपूत समाज के लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया। कोठी रोड स्थित कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और हरदा में हुई पुलिस कार्रवाई को असंवैधानिक व अलोकतांत्रिक करार दिया।

प्रदर्शन में करणी सेना के वरिष्ठ पदाधिकारी, युवा कार्यकर्ता और महिलाओं की बड़ी संख्या मौजूद रही। रैली की शुरुआत दशहरा मैदान से हुई, जहाँ से सैकड़ों की संख्या में लोग नारे लगाते हुए कलेक्टर कार्यालय तक पहुँचे। इस दौरान पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क नजर आया और कलेक्टर कार्यालय के बाहर भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे।

प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें तीन प्रमुख माँगें रखी गईं – पहली, हरदा कलेक्टर और एसपी को तत्काल हटाया जाए; दूसरी, लाठीचार्ज में शामिल पुलिसकर्मियों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया जाए; और तीसरी, करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवनसिंह शेरपुर को तत्काल प्रभाव से सुरक्षा प्रदान की जाए।

करणी सेना के प्रांतीय नेतृत्व शैलेन्द्र सिंह ने कड़े शब्दों में पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि यह हमला केवल करणी सेना पर नहीं, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा पर था। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि यदि सरकार ने मांगें पूरी नहीं कीं, तो आंदोलन और अधिक उग्र होगा और इसके लिए जिम्मेदार स्वयं प्रशासन होगा।

प्रदर्शन में विशेष बात यह रही कि यह केवल करणी सेना तक सीमित नहीं था, बल्कि राजपूत समाज के साथ सर्व समाज के लोग भी इस आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर शामिल हुए, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह मुद्दा अब केवल संगठन का नहीं बल्कि सामाजिक अस्मिता से जुड़ चुका है।

अब सभी की निगाहें सरकार के निर्णय पर टिकी हैं – क्या मुख्यमंत्री इन माँगों पर गंभीर निर्णय लेंगे, या फिर प्रदेश में आंदोलन और विकराल रूप धारण करेगा?

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