Mahatma Gandhi’s 77th death Anniversary: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जापान में दी श्रद्धांजलि, उज्जैन में आयोजित किए गए विभिन्न श्रद्धांजलि कार्यक्रम

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने में महात्मा गांधी का योगदान अतुलनीय है। उनका जीवन एक प्रेरणा है, जिसने न केवल देश की आजादी का रास्ता दिखाया, बल्कि हमें सत्य, अहिंसा और मानवता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी दी।

30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी ने अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया। नाथूराम गोडसे द्वारा उनकी हत्या ने न केवल एक महान नेता को खो दिया, बल्कि देश की आत्मा को भी छिन्न-भिन्न कर दिया। गांधी जी का बलिदान आज भी हमारे दिलों में ताजा है और उनकी विचारधारा आज भी हमारे जीवन का हिस्सा है। गांधी जी के इस बलिदान की याद में और उन्हें सम्मान देने के लिए हर साल 30 जनवरी का दिन शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।

शहीद दिवस के इस खास दिन पर, हम गांधी जी के साथ-साथ उन सभी शहीदों को भी याद करते हैं, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।

बता दें, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 77वीं पुण्यतिथि पर गुरुवार को कोबे (जापान) के इंडिया क्लब में गांधी जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गांधी जी का समुचा जीवन भारतीयों के लिए समर्पित था। बापू का जीवन दर्शन सत्य, अहिंसा, प्रेम और सेवा पर आधारित था। उन्होंने हमेशा सत्य को सर्वोपरि रखा। गांधी जी के विचार और जीवन दर्शन न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा बने। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बापू ने अफ्रीका से भारत तक सब के लिए एक आदर्श जीवन जिया और भारतीयों का सम्मान बढ़ाया।

वहीं, मुख्यमंत्री के गृह नगर में भी बापू को श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर शहर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। विक्रम विश्वविद्यालय के पुस्तकालय अध्ययनशाला परिसर में स्थित गांधी जी की प्रतिमा पर शिक्षकों और विद्यार्थियों ने पुष्पांजलि अर्पित की। इस श्रद्धांजलि अर्पित समारोह में उपस्थित सभी ने गांधी जी के प्रिय भजनों का गायन किया और दो मिनट का मौन रखकर उन्हें सम्मानित किया।

विश्वविद्यालय के सभागृह में एक विशेष परिसंवाद का आयोजन भी किया गया, जिसका विषय था “महात्मा गांधी: जीवन और चिंतन के विविध आयाम”। कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में साहित्यकार और समालोचक प्रो. प्रमोद त्रिवेदी ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। कार्यक्रम में विशेष आकर्षण रहे कला पथक के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत भजन और मद्य निषेध गीत, जिन्होंने गांधी जी के सिद्धांतों को जीवित किया।

इसके साथ ही, शहर कांग्रेस कमेटी ने क्षीरसागर गांधी बाल उद्यान में स्थित गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गांधी जी के प्रिय भजनों का सामूहिक गायन किया और दो मिनट का मौन रखकर उनके प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट की। इस श्रद्धांजलि समारोह में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पदाधिकारी, पार्षद, सेवा दल, महिला कांग्रेस, युवक कांग्रेस और एनएसयूआई के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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