मिर्ची बाबा का महाबम, बोले – “साधुओं को ज़हर देकर मारा जा रहा है!”; सीएम डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर की CBI जांच की मांगी!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरी, जिन्हें लोग मिर्ची बाबा के नाम से जानते हैं, ने उज्जैन के धार्मिक जगत में तूफान ला दिया है। मिर्ची बाबा ने उज्जैन के चार धाम आश्रम से जुड़े महंत परमानंद गिरी के शिष्य ज्योतिर्मयानंद गिरी पर सीधे-सीधे साधुओं की हत्या, षड्यंत्र, और धार्मिक पदों की अवैध वंशवादी साजिश का आरोप लगाया है।

मिर्ची बाबा ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को एक खुला पत्र लिखकर CBI जांच की मांग की है। उन्होंने दावा किया है कि संत समाज में ज़हर देकर हत्याएं की जा रही हैं और इसके पीछे एक सुनियोजित तंत्र है, जिसमें आश्रमों की संपत्ति, पद और परंपराओं को हथियाने का कुचक्र रचा जा रहा है। बाबा ने दावा किया कि दिल्ली के अनुभूतानंद, हरिद्वार के बालानंद गिरी और चित्रकूट के जगतप्रकाश त्यागी – इन तीनों संतों की हत्या ज़हर देकर की गई। उनका आरोप है कि ये सारी घटनाएं कोई संयोग नहीं, बल्कि एक गहरी साजिश हैं।

मिर्ची बाबा ने इस आरोप को और गंभीर बनाते हुए कहा कि उज्जैन के चार धाम मंदिर, जिसे शांति स्वरूपानंद जी महाराज ने तपस्या और तप से खड़ा किया था, उसे ज्योतिर्मयानंद ने गुंडों के सहारे हड़प लिया। उन्होंने कहा कि ये संत समाज के भीतर का सबसे बड़ा धोखा है – जहां सच्चे सन्यासी हटाए जा रहे हैं और उनके स्थान पर रिश्तेदारों और मनमर्जी के लोगों को लाल कपड़े पहनाकर बिठाया जा रहा है।

इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि ज्योतिर्मयानंद और उनके अनुयायी तांत्रिक क्रियाओं का प्रयोग कर विरोधी संतों को रास्ते से हटा रहे हैं, साथ ही मानसिक रूप से असहाय बच्चों और बालिकाओं की संदिग्ध मौतों में भी उनकी भूमिका की जांच होनी चाहिए। बाबा ने ये भी आरोप लगाया कि सरकारी संस्थानों से वित्तीय लाभ लेकर ट्रस्टों की संपत्तियों पर अवैध कब्ज़ा, गुंडागर्दी और धार्मिक चोले में माफिया तंत्र खड़ा किया जा रहा है।

मिर्ची बाबा ने इस मामले में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी अपील की है कि वे इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराएं, ताकि सन्यास परंपरा की गरिमा बचाई जा सके और संत समाज को न्याय मिल सके।

उन्होंने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज और हरिगिरी महाराज से भी मांग की कि ऐसे मनमुखी, सांसारिक संतों को तत्काल संत समाज से बहिष्कृत किया जाए। बाबा का कहना है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो ये सब एक दिन आम जनता की धार्मिक आस्था और सनातन परंपरा को गहरा आघात दे देंगे।

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