चैत्र नवरात्र की महाअष्टमी पर उज्जैन में नगर पूजा, देवी-भैरव को अर्पित हुआ मदिरा भोग; रात 8 बजे हांडी फोड़ भैरव पर होगा समापन

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन में चैत्र नवरात्र की महाअष्टमी के पावन अवसर पर हजारों वर्षों पुरानी नगर पूजा की परंपरा एक बार फिर आस्था और श्रद्धा के साथ जीवंत हुई। शनिवार को श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के तत्वावधान में यह भव्य आयोजन चौबीस खंबा माता मंदिर से विधिवत प्रारंभ हुआ, जहां माता महालया और महामाया को विशेष पूजन के साथ परंपरागत रूप से मदिरा का भोग अर्पित किया गया। इस अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महामंडलेश्वर श्री रविंद्र पुरी महाराज एवं उज्जैन के पुलिस अधीक्षक श्री प्रदीप शर्मा ने पूजा अर्चना कर नगरवासियों के सुख-समृद्धि, निरोगी काया एवं नगर की उन्नति की कामना की।

प्रातः 8 बजे से नगर पूजा यात्रा का शुभारंभ हुआ। यह यात्रा उज्जैन नगर के 27 किलोमीटर के दायरे में स्थित 40 से अधिक प्रमुख देवी, भैरव एवं हनुमान मंदिरों में विधिपूर्वक पूजन हेतु निकाली जाती है। इस पवित्र यात्रा में सबसे आगे परंपरागत रूप से एक कोटवार चलते हैं, जो मिट्टी की हांडी में भरी हुई मदिरा को लेकर नगर मार्गों पर उसकी धार बहाते हैं। यह मदिरा नगर की समृद्धि, बुरी शक्तियों से रक्षा और सुख-शांति की कामना के प्रतीक स्वरूप अर्पित की जाती है। चामुंडा माता, भूखी माता, काल भैरव, चंडमुंड नाशिनी जैसे मंदिरों में देवी-भैरव को मदिरा का भोग अर्पित किया गया, जबकि हनुमान मंदिरों में ध्वज चढ़ाकर पूजन संपन्न किया गया। नगर पूजा का समापन अंकपात मार्ग स्थित हांडी फोड़ भैरव पर समापन होता है।

नगर पूजा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी अत्यंत गौरवशाली है। माना जाता है कि उज्जयिनी के सम्राट विक्रमादित्य ने इस परंपरा की नींव रखी थी। वे नवरात्रि की महाअष्टमी को चौबीस खंबा माता के समक्ष नगर की समृद्धि और रक्षा हेतु माता महालया, महामाया और भैरव का पूजन करते थे। इस परंपरा को युगों से संतों, मठों और अखाड़ों द्वारा जीवंत बनाए रखा गया है, जो आज भी वैसी ही श्रद्धा और गरिमा के साथ निभाई जाती है।

इस दिव्य यात्रा का समापन रात्रि 8 बजे अंकपात मार्ग स्थित हांडी फोड़ भैरव मंदिर पर हुआ, जहां परंपरा अनुसार हांडी फोड़कर नगर पूजा का समापन किया गया। इस पावन अवसर के उपरांत 6 अप्रैल को श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी, बड़नगर रोड पर भव्य कन्या पूजन और विशाल भंडारे का आयोजन प्रस्तावित है, जिसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेंगे।

इस पूरे आयोजन में श्री निरंजनी अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर, चारधाम मंदिर पीठाधीश्वर स्वामी शांति स्वरूपानंद गिरी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी जी महाराज सहित कई अन्य संत, महात्मा, अधिकारी एवं श्रद्धालुगण उपस्थित रहे।

इस वर्ष नगर पूजा की विशेष बात यह रही कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 1 अप्रैल से लागू की गई शराबबंदी के चलते मदिरा की व्यवस्था सीधे आबकारी विभाग द्वारा की गई। विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने एक पेटी देसी एवं दो बोतल अंग्रेजी मदिरा पूरी विधिपूर्वक चौबीस खंबा माता मंदिर तक पहुंचाई। परंपरा को आधुनिक मर्यादाओं के अनुरूप ढालते हुए, इस बार देवी को सीधे बोतल से मदिरा अर्पित न कर, चांदी के कलशों में भरकर भोग अर्पण किया गया। इससे परंपरा की गरिमा भी बनी रही और अनुशासनात्मक संतुलन भी स्थापित हुआ।

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