पंचकोसी यात्रा: 118 किलोमीटर की यात्रा का समापन आज, श्रद्धालुओं ने शिप्रा नदी में स्नान कर प्राप्त किया पुण्यलाभ; उज्जैन के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन में वैशाख मास की पंचकोसी यात्रा इस बार अमावस्या पर बड़ी धूमधाम से संपन्न हुई। 23 अप्रैल को इस यात्रा की शुरुआत होनी थी, लेकिन श्रद्धालुओं का आस्था और भक्ति का ऐसा उत्साह था कि कई श्रद्धालु दो दिन पहले ही यात्रा पर निकल पड़े। इस ऐतिहासिक यात्रा में हर कदम पर श्रद्धा और विश्वास का अद्भुत संगम देखा गया। श्रद्धालुओं का पहला पड़ाव था पटनी बाजार स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर, जहां उन्होंने पूजा अर्चना कर अपनी श्रद्धा का अर्पण किया। मंदिर में श्रद्धालुओं ने यहां मिट्टी के अश्व अर्पित कर बल प्राप्त किया, फिर शिप्रा नदी में स्नान करके अपनी यात्रा को आगे बढ़ाया।

इस यात्रा की विशिष्टता यह है कि यह दशमी से शुरू होकर अमावस्या को समाप्त होती है, और इसके दौरान श्रद्धालु विभिन्न महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों पर जाकर पूजन करते हैं। पुजारी अनिमेष शर्मा ने बताया कि श्रद्धालु नागचंद्रेश्वर को श्रीफल अर्पित कर बल प्राप्त करते हैं और फिर चार प्रमुख द्वारपाल शिवलिंगों का दर्शन करते हैं। इनमें पिंग्लेश्वर, दुर्दुरेश्वर, कायावरुणेश्वर और बिलकेश्वर महादेव के मंदिर प्रमुख हैं, जिनमें श्रद्धालु पूजा अर्चना कर पुण्य की प्राप्ति करते हैं।

इस यात्रा में हर साल हजारों श्रद्धालु 118 किलोमीटर की लंबी पैदल यात्रा पूरी करते हैं। इन श्रद्धालुओं में महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और युवाओं का भारी संख्या में समावेश था, जो इस यात्रा को अपनी आस्था और भक्ति का प्रतीक मानते हैं। यात्रा के कारण उज्जैन के प्रमुख मंदिरों जैसे महाकालेश्वर, मंगलनाथ, गोपाल मंदिर और हरसिद्धि माता मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। इन मंदिरों में दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आए थे, और एक अद्वितीय धार्मिक वातावरण का निर्माण हुआ था।

बता दें, कई धार्मिक संस्थाओं ने यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए ठंडा पानी, शरबत और भोजन वितरित किया, जिससे यात्रा में शामिल सभी भक्तों को राहत मिली। शिप्रा नदी के घाट पर होमगार्ड और एसडीईआरएफ के जवान सुरक्षा के लिए तैनात थे, ताकि श्रद्धालुओं को यात्रा में कोई परेशानी न हो।

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