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उज्जैन में तेज हुआ ‘गुड सेमेरिटन योजना’ का प्रचार, सड़क हादसों में घायल की मदद करने वालों को मिलेगा 25,000 रुपये और सम्मान; उज्जैन में स्वास्थ्य विभाग की हुई अहम बैठक!
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
जिला उज्जैन में सड़क हादसों में घायलों को ‘गोल्डन ऑवर’ के भीतर उपचार दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत गुड सेमेरिटन योजना को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता अभियान तेज कर दिया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कुमार पटेल की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित विभागीय बैठक में इस योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार और प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर निर्देश दिए गए।
बैठक में शहरी क्षेत्र के परियोजना अधिकारी, मेडिकल ऑफिसर, सहायक कार्यक्रम प्रबंधक, सुपरवाइजर, ए.एन.एम., पब्लिक हेल्थ मैनेजर समेत बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए। खास बात यह रही कि इस बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया, ताकि मैदानी स्तर तक योजना की जानकारी पहुंच सके।
डॉ. पटेल ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में अकसर पीड़ितों की मौत समय पर अस्पताल न पहुंच पाने के कारण हो जाती है। आम नागरिक अक्सर इस डर से घायल को अस्पताल नहीं ले जाते कि उन्हें पुलिस कार्रवाई या पूछताछ का सामना करना पड़ सकता है। इसी मानसिकता को बदलने के लिए राज्य सरकार ने ‘गुड सेमेरिटन’ (अच्छा मददगार) योजना लागू की है।
इस योजना के तहत अगर कोई नागरिक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को तत्काल अस्पताल पहुंचाता है, तो उसे ‘राहवीर’ की संज्ञा दी जाती है और 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि के साथ प्रशस्ति पत्र भी दिया जाता है। यह न केवल मानवीय संवेदना को सम्मान देता है, बल्कि दुर्घटना के बाद के पहले घंटे—गोल्डन ऑवर—में जान बचाने की संभावनाएं भी बढ़ाता है।
अधिकारियों ने इस दौरान यह भी स्पष्ट किया कि घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले राहगीर से न तो पुलिस पूछताछ करेगी, न ही उसे किसी कानूनी प्रक्रिया में घसीटा जाएगा। इससे नागरिकों का भय कम होगा और वे ज्यादा सक्रियता से घायल व्यक्तियों की मदद कर पाएंगे।
बैठक में यह भी तय किया गया कि आने वाले दिनों में नगर निगम, स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं और स्कूल-कॉलेजों के माध्यम से जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना से अवगत हो सकें। विशेषकर युवाओं को इसके लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे सड़क हादसे में फंसे लोगों को समय रहते राहत मिल सके।