उज्जैन में शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा का शुभारंभ, रामघाट से उठी श्रद्धा की गूंज; 5 जून को सीएम मोहन यादव मां शिप्रा को अर्पित करेंगे 351 फीट चुनरी!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

धर्म, श्रद्धा और आस्था की त्रिवेणी में डूबी पावन नगरी उज्जैन में बुधवार को शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा का भव्य शुभारंभ हुआ। हर वर्ष की तरह इस बार भी यह धार्मिक यात्रा पूरी गरिमा और आध्यात्मिक उत्साह के साथ रामघाट से ध्वज पूजन के पश्चात प्रारंभ हुई। यात्रा के शुभारंभ अवसर पर शिप्रा तीर्थ परिक्रमा आयोजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष महंत रामेश्वरदास महाराज, राज्यसभा सांसद उमेशनाथजी महाराज, लोकसभा सांसद अनिल फिरोजिया, नगर निगम सभापति कलावती यादव, महापौर मुकेश टटवाल सहित शहर के अनेक गणमान्य जनप्रतिनिधि और श्रद्धालु उपस्थित रहे।

सुबह रामघाट पर ध्वज पूजन का आयोजन हुआ, जहां पंडितों ने मंत्रोच्चार के साथ धर्मध्वज की विधिवत पूजा की। इसके पश्चात अतिथियों का स्वागत-सत्कार कर यात्रा का विधिवत शुभारंभ हुआ। यह यात्रा धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें पुरातत्ववेत्ता, इतिहासकार, साहित्यकार, भू-वैज्ञानिक, जीव विज्ञानी, साधु-संत और हजारों श्रद्धालु सहभागी बनते हैं, जो उज्जैन की दिव्यता और शिप्रा मैया की महिमा का प्रचार-प्रसार करते हैं।

यात्रा का पहला चरण रामघाट से प्रारंभ होकर नरसिंह घाट, कर्कराज मंदिर, जगदीश मंदिर, जंतर-मंतर वेधशाला, नानाखेड़ा, महामृत्युंजय द्वार, प्रशांति धाम, साईं मंदिर, त्रिवेणी शनि मंदिर होते हुए गुरुकुल स्कूल पहुंचा, जहां विश्राम व भोजन प्रसादी की व्यवस्था की गई थी। इसके बाद यात्रा पुनः शुरू हुई और सिकंदरी, गोठड़ा, दाऊदखेड़ी, चिंतामण होते हुए भूखी माता, गुरुनानक घाट, और अंत में दत्त अखाड़ा घाट पहुंचेगी। यहाँ भजन गायक पवन तिवारी संगीतमयी प्रस्तुति देंगे।

वहीं, यात्रा का दूसरा चरण गुरुवार सुबह 9 बजे दत्त अखाड़ा घाट से ध्वज पूजन के साथ शुरू होगा। इसके पश्चात यात्रा रणजीत हनुमान मंदिर, भैरवगढ़, मंगलनाथ मंदिर, अंगारेश्वर महादेव, सांदीपनि आश्रम, काल भैरव, ऋणमुक्तेश्वर, वाल्मीकि धाम, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, और ढाबा रोड होते हुए पुनः रामघाट पर समाप्त होगी।

बता दें, यात्रा का सर्वाधिक आकर्षक क्षण उस समय होगा, जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मां शिप्रा को 351 फीट लंबी चुनरी अर्पित करेंगे, जो रामघाट से लेकर दत्त अखाड़ा घाट तक फैलाई जाएगी। इस अवसर पर भारतीय सेना के सिंफनी बैंड, प्रसिद्ध हरिकथा वाचक ग्वालियर के पं. ढोली बुवा महाराज और मुंबई की प्रख्यात भजन गायिका स्वस्ति मेहुल अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे।

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