महाकाल की नगरी को मिलेगी आसमान की राह: उज्जैन एयरपोर्ट के विकास पर एमओयू साइन, सिंहस्थ 2028 तक उड़ानें शुरू करने का लक्ष्य; 45 करोड़ की स्वीकृति और 241 एकड़ भूमि निःशुल्क देगी राज्य सरकार

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश’ कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। उज्जैन एयरपोर्ट के विकास को लेकर मध्यप्रदेश शासन के विमानन विभाग और एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के बीच सोमवार को महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह एमओयू मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस दौरान वरिष्ठ अधिकारी, जनप्रतिनिधि और विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञ मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह समझौता उज्जैन को हवाई संपर्क से जोड़ने की दिशा में ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा। इससे न केवल उज्जैन बल्कि पूरे मालवा क्षेत्र में औद्योगिक, पर्यटन और आर्थिक विकास के नए अवसर खुलेंगे। वहीं, केंद्रीय मंत्री राममोहन नायडू ने कहा कि भारत सरकार का उद्देश्य देश के प्रमुख तीर्थस्थलों और पर्यटन केंद्रों को हवाई मार्ग से जोड़ना है, और उज्जैन एयरपोर्ट परियोजना उसी दिशा में एक सशक्त कदम है।

241 एकड़ भूमि निःशुल्क देगी राज्य सरकार

इस समझौते पर मध्यप्रदेश शासन की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव (विमानन विभाग) संजय कुमार शुक्ला और एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से अध्यक्ष विपिन कुमार (IAS) ने हस्ताक्षर किए। एमओयू के तहत उज्जैन के पास स्थित दताना हवाई पट्टी को एक पूर्ण विकसित हवाई अड्डे में बदला जाएगा। एयरपोर्ट को ATR-72 श्रेणी के विमानों के संचालन के अनुरूप विकसित किया जाएगा, जबकि भविष्य में A-320 और A-321 जैसे बड़े विमानों के संचालन की संभावनाएं भी रखी गई हैं।

राज्य सरकार 241 एकड़ अतिरिक्त भूमि AAI को निःशुल्क उपलब्ध कराएगी। विकास कार्य पूर्ण होने के बाद एयरपोर्ट का स्वामित्व एएआई को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि एयरपोर्ट को 2028 के सिंहस्थ महाकुंभ से पहले संचालन योग्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

₹45 करोड़ की प्रारंभिक स्वीकृति, रोजगार के नए अवसर

भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उज्जैन एयरपोर्ट के उन्नयन के लिए ₹45 करोड़ की प्रारंभिक राशि स्वीकृत की है। यदि परियोजना लागत इससे अधिक होती है, तो अतिरिक्त राशि राज्य शासन द्वारा वहन की जाएगी। एयरपोर्ट के निर्माण से लगभग 100 प्रत्यक्ष और 300 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

IFR सिस्टम के साथ होगा आधुनिक विकास

उज्जैन एयरपोर्ट को IFR कंडीशंस (Instrument Flight Rules) में विकसित किया जाएगा, जिससे रात के समय भी विमानों की उड़ानें संभव होंगी। एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा किए गए सर्वेक्षण में पाया गया है कि ATR-72 विमानों के संचालन के लिए आवश्यक तकनीकी मानक (Obstacle Limitation Surface) पूरी तरह अनुकूल हैं। विकास कार्य जल्द ही प्रारंभ किया जाएगा।

उज्जैन बनेगा प्रदेश का 9वां एयरपोर्ट

उज्जैन एयरपोर्ट के शुरू होने के बाद यह मध्यप्रदेश का नौवां एयरपोर्ट होगा। इस परियोजना से प्रदेश की नागरिक विमानन नीति 2025 के लक्ष्यों को भी बल मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि एयरपोर्ट बनने से धार्मिक, सांस्कृतिक, औद्योगिक और पर्यटन दृष्टि से उज्जैन को वैश्विक पहचान मिलेगी।

उज्जैन, जो पहले से ही महाकाल लोक जैसे विश्वस्तरीय धार्मिक केंद्र के रूप में उभर चुका है, अब हवाई कनेक्टिविटी के साथ एक नए विकास युग में प्रवेश करने जा रहा है। इससे सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को भी गति मिलेगी और उज्जैन का नाम विश्व पर्यटन मानचित्र पर और अधिक चमकेगा।

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