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उज्जैन SP का तड़के औचक एक्शन: नीलगंगा थाने में हड़कंप, ड्यूटी से गायब मिले 14 पुलिसकर्मी—एक दिन का वेतन काटने के आदेश
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन जिले में पुलिस व्यवस्था को अधिक जवाबदेह और अनुशासित बनाने के उद्देश्य से एसपी प्रदीप शर्मा ने शुक्रवार सुबह लगभग 10 बजे नीलगंगा थाना का औचक निरीक्षण किया। बिना किसी पूर्व सूचना के पहुंचे एसपी ने सीधे थाने के बाहर कुर्सी लगाकर बैठकर पुलिसकर्मियों की उपस्थिति और कामकाज की स्थिति की जानकारी ली। अचानक हुई इस कार्रवाई से थाने में हड़कंप मच गया और स्टाफ में तुरंत सतर्कता दिखाई दी।
निरीक्षण के दौरान यह सामने आया कि थाना परिसर में पदस्थ कई अधिकारी और कर्मचारी ड्यूटी के समय अनुपस्थित थे। इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए एसपी शर्मा ने मौके पर ही सभी अनुपस्थित कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश जारी कर दिए। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में ऐसी लापरवाही को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
करीब 30 मिनट तक चले इस सघन निरीक्षण में एसपी ने रिकॉर्ड रूम, मालखाना, सीसीटीवी कंट्रोल रूम सहित थाने के विभिन्न हिस्सों की बारीकी से जांच की। उन्होंने थाना डायरी, अपराध पंजी, लंबित प्रकरणों की स्थिति, बीट सिस्टम और स्टाफ उपस्थिति रजिस्टर का भी अवलोकन किया। एसपी ने अधिकारियों को लंबित मामलों के शीघ्र निराकरण और शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए, ताकि आम नागरिकों को बेहतर पुलिस सेवा मिल सके।
निरीक्षण के दौरान थाने की साफ-सफाई व्यवस्था भी एसपी को संतोषजनक नहीं लगी। उन्होंने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए स्टाफ को साफ-सफाई और थाने के रखरखाव पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। एसपी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि थाना न केवल कानून-व्यवस्था का केंद्र है, बल्कि यह जनता के लिए सेवा का स्थान भी है, इसलिए यहां अनुशासन और स्वच्छता सर्वोपरि होनी चाहिए।
इस कार्रवाई के तहत जिन पुलिसकर्मियों को अनुपस्थित पाया गया, उनके एक दिन के वेतन कटौती के आदेश दिए गए हैं। इनमें प्रधान आरक्षक मंगल टेगौर, प्रकाश साहू, कपिल राठौर, वीरेंद्र शर्मा, संजय सोनगरा, मुकेश चौहान और किरण मालवीय शामिल हैं। वहीं सब इंस्पेक्टर भूपेंद्र सिंह और कविता मंडलोई तथा आरक्षक मेवाराम और श्रवण भदौरिया भी सूची में शामिल हैं।
एसपी प्रदीप शर्मा ने स्टाफ को चेतावनी देते हुए कहा कि अनुशासन, समयपालन और ईमानदारी ही पुलिस सेवा की पहचान है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भविष्य में भी इसी प्रकार के औचक निरीक्षण जारी रहेंगे, ताकि पुलिसिंग में पारदर्शिता और कार्यकुशलता सुनिश्चित की जा सके। इस निरीक्षण के बाद यह साफ संदेश गया है कि उज्जैन पुलिस में लापरवाही और अनियमितता पर अब सख्त रवैया अपनाया जाएगा।